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Shyarana Andaaz (अज्ञात)
New Year 2024-25 ये वर्ष का अंत नहीं एक अध्याय का अंत है, अंत है कुछ मेरा अंत कुछ मेरे शब्दों का है।। थे कुछ जज्बात जो पिघल गए, टूट गए ये मेरी तासीर की गई कहानी का अंत हैं।। उठाएंगे जनाजा ए दिल हम फिर भी आज ये मेरे जीवन का नहीं, मेरी जीने की आरजू का अंत है।। खिलेंगे कुछ फूल मजार ए मोहब्बत पे ये मेरी खुद से की गई अज्म का अंत है।। किरदार न आंका मेरा, न समझी मेरी सीरत चलो छोड़ो, हुआ सबकी उलझनों का अंत है।। कोई शिकवा नहीं गर एक शिकस्त जरूर है ये मेरे बार बार हारने की प्रक्रिया का अंत है।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) #NewYear2024-25 Title:- ये अंत है।। #31December2024 #newyear #अंत #शायरी #कुछ_टूटे_अरमान #राहतइंदौरी #मेरा_अंत_है
NewYear2024-25 Title:- ये अंत है।। 31December2024 newyear अंत शायरी कुछ_टूटे_अरमान राहतइंदौरी मेरा_अंत_है
read moreShyarana Andaaz (अज्ञात)
ये वर्ष का अंत नहीं एक अध्याय का अंत है, अंत है कुछ मेरा अंत कुछ मेरे शब्दों का है।। थे कुछ जज्बात जो पिघल गए, टूट गए ये मेरी तासीर की गई कहानी का अंत हैं।। उठाएंगे जनाजा ए दिल हम फिर भी आज ये मेरे जीवन का नहीं, मेरी जीने की आरजू का अंत है।। खिलेंगे कुछ फूल मजार ए मोहब्बत पे ये मेरी खुद से की गई अज्म का अंत है।। किरदार न आंका मेरा, न समझी मेरी सीरत चलो छोड़ो, हुआ सबकी उलझनों का अंत है।। कोई शिकवा नहीं, गर एक शिकस्त जरूर है ये मेरे बार बार हारने की प्रक्रिया का अंत है।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) Title:- ये अंत है।। #31December2024 #newyear #अंत #शायरी #कुछ_टूटे_अरमान #राहतइंदौरी #मेरा_अंत_है
Title:- ये अंत है।। 31December2024 newyear अंत शायरी कुछ_टूटे_अरमान राहतइंदौरी मेरा_अंत_है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreGondwana Sherni 750
Unsplash मै खुद से कुछ कहना चाहती हु पर कह नहीं पा रही की मुझे कुछ नहीं चाहिए न परिवार न प्यार ना दोस्त ना सुकून क्यों कि मुझे और दर्द सहने की क्षमता नहीं है वो दर्द जो छोटे छोटे बाते सुनाने से वो दर्द जो मेरा मजाक बनाने से होती है वो दर्द जब खुद कुछ करना चाहो तब कुछ कर न पाओ सुकुन से ना किसी को याद कर सकू ना किसी को भूल सकू ना अच्छे से सो सकू हा मै यही चाहती हु की मैं जब आज सोउ तब कल मैं ना उठूं क्यों कि सहन करने की क्षमता मुझमें नहीं है हा मै नहीं चाहती इस दुनिया में रहना क्यों कि मैं खुद को संभालने में असमर्थ हूं उम्मीद दूसरों से कर नहीं सकती जो मन में है उसे मै किसी को बात नहीं सकती क्यों कि मुझे उम्मीद किसी से लगाना ही नहीं है इस लिए मैं अपने पुरखो के पास प्रकृति में विलीन चाहती हु मै दूर जाना चाहती हूं सब से preeti Uikye 18/12/24 ©Gondwana Sherni 750 #traveling अंत
#traveling अंत
read moreShiv Narayan Saxena
White ग्रीष्म में झुलसी नायिका ढूंढे वर्षा का संग वर्षा में मदहोश, फिर, शरद शिशिर के संग कभी रुचे हेमन्त किन्तु मिलते नहीं हैं कंत कंत बसंत मिलैं तभी हो अहंकार का अंत ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अहंकार का अंत.....
#GoodMorning अहंकार का अंत.....
read moreRUPESH Kr SINHA
White आज कल रिश्ते केकटस के वृक्ष के समान होता जा रहा है जो देखेने में हरा भरा तो लगता है मगर कांटो से भरा हुआ है ©RUPESH Kr SINHA राश्ता क्या है
राश्ता क्या है
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