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SumitGaurav2005
मैं सूर्यपुत्र होते हुए भी, सूत पुत्र कहलाया थ। कुंती माँ मुझे जना तू ने, परन्तु राधेय कहलाया था। कर्ण दानवीर होते हुए भी, सबसे तिरस्कार पाया था। ऐसी क्या तेरी विवशता थी, जो तूने मुझे ठुकराया था। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 #कर्ण #karna #महाभारत #Mahabharat #Mahabharata #Sumitgaurav2005 #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Epic
Mohd Kamruzzama
❤️❤️ ©Mohd Kamruzzama मेरी सेकंड गज़ल ऑन न्यूज़ निज़ाम खान khushbu नन्हीं कवयित्री sangu... Irfan Saeed Sethi Ji
मेरी सेकंड गज़ल ऑन न्यूज़ निज़ाम खान khushbu नन्हीं कवयित्री sangu... Irfan Saeed Sethi Ji
read moreking_ajeet_0376
White लाइफ में इतना पैसा कमाना की दुनिया तुम्हारे आगे पीछे चले अपना एक ही बासुल है पैसा पैसा ©king_ajeet_0376 द लाइफ इस द बेस्ट ऑन पैसा
द लाइफ इस द बेस्ट ऑन पैसा
read moreTARUN KUMAR VIMAL
एक फ़ोन मैने जून 2024 मे लिया था, मोटोरोला का फोन एक साल भी सही नहीं चला कैमरा और हीटिंग समस्या थी. अब ऑन और ऑफ़ बटन भी निकल गया. बहुत घटिया प्रोडक्ट बना रही है मोटोरोला ©TARUN KUMAR VIMAL ये फ़ोन मैने जून 2024 मे लिया था, मोटोरोला का फोन एक साल भी सही नहीं चला कैमरा और हीटिंग समस्या थी. अब ऑन और ऑफ़ बटन भी निकल गया. बहुत घ
ये फ़ोन मैने जून 2024 मे लिया था, मोटोरोला का फोन एक साल भी सही नहीं चला कैमरा और हीटिंग समस्या थी. अब ऑन और ऑफ़ बटन भी निकल गया. बहुत घ
read moreSunita Pathania
Sarvesh kumar kashyap
🤷 सदाबहार सुपर स्टार..🤔💗 #Best #Emotional #Motivational #status #shayiri #viral #Trending
read moreneelu
White Yesterday I saw a few episodes of the Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God... ©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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