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Manjeet Sharma 'Meera'
Vandana
गुम हो गई होठों से हंसी चेहरे से मुस्कुराहट हर तरफ छाई उदासी हर नजर है प्यासी सुनसान गुमनाम सी जिंदगी में चेहरे में उदासी सी आंखों में नमी सी,, हर सरगम कि लय अधूरी सी हर गीत के स्वर बिखरे से,,, खो गया चंचल बांकपन रह
सुसि ग़ाफ़िल
विश्वास की कंटीली तारों से लिपटकर जख्मी हुआ हूं , क्या तेरे शहर का मयखाना, दवाखाना!! विश्वास की कंटीली तारों से लिपटकर जख्मी हुआ हूं , क्या तेरे शहर का मयखाना दवाखाना!!
Gufran jameel
#insan #zindagi इन्सान की ज़िन्दगी एक ख़ाली पड़ी ज़मीन की तरह है। या तो आप इस ज़मीन पर नैक आमाल की फ़सल उगाने के लिए भरपूर मेहनत और उसकी निग
Raj 94myfm
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat अकेले है तो क्या कम तो नहीं कहीं रास्ते वीरान है तो चलना आता हमें वहीं हिम्मत कर जोश भरा है जहन में यहीं कहीं मिलती है उम्मीद ख़ुद से ही जलना भी तो है यहीं सीखते गिरते हाफते घबराते नहीं कहीं ज़िन्दगी की तलाश हर्षिता निकल पड़ी अकेली वहीं रास्ते पथरीले हो या कटिली झाड़ियां सही वहीं ना जाने कितने इरादे मज़बूत लेकर सिद्धांत ख़ुद के बनाती यहीं ©️ जज़्बात ए हर्षिता अकेले हैं तो क्या, अकेले का भी जीवन है... #अकेलेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshit
one sided love
Manju (Queen)
**आत्मविश्वास ** तीर से न तलवार से लड़ाई तो जीती जाती है आत्मविश्वास से मन में लगन , आँखों में सपने साहस की डोर थामे चल दे कंटीली राह में होंसलों के ले तू पंख पसार असीमित है आसमां धीर बन वीर बन अपने बाहुबल से समन्दर से भी राह निकल आती है आत्मविश्वास से अर्जुन सा लक्ष्य साध भरत सा बन वीर गंगा के वेग रोक दे देवव्रत सा बन दृढ़ प्रतिग्य तप एकलव्य सा बन दानवीर कर्ण सा कृष्ण विवेक मन सारथी से संसार के कुरुक्षेत्र में धर्म पताका लहराती है आत्मविश्वास से **आत्मविश्वास ** तीर से न तलवार से लड़ाई तो जीती जाती है आत्मविश्वास से मन में लगन , आँखों में सपने साहस की डोर थामे
श्री कन्हैया शास्त्री जी
ग़ज़ल- जरूरी तो नहीं ज़िंदगी में सबको प्यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं, सबको मनचाहा यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं। चाहता कौन है बिसात गम की बिछाना, सबको सौगात-ए-आहलाद मिले ये ज़रूरी तो नहीं। माना सच के सिवा आईना कुछ भी कहता नहीं, सबको आब-ए-आईना मिले ये ज़रूरी तो नहीं। कंटीली राहों ने हमें खूब आज़माया है, सबको राह-ए-गुल ही मिले ये ज़रूरी तो नहीं। एक झलक के लिए तरसी उम्र भर है नज़र, सबको दीदार-ए-यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं। यादें ही यादें हैं अब भी मेरे ज़हन-ओ-ज़िगर, सबको नाकाफ़ी याददाश्त मिले ये ज़रूरी तो नहीं। जला है जिस्म कड़क धूप में अक्सर "स्मित", सबको शजर-ए-साया मिले ये ज़रूरी तो नहीं। #ग़ज़ल ज़िंदगी में सबको प्यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं, सबको मनचाहा यार मिले ये ज़रूरी तो नहीं। चाहता कौन है बिसात गम की बिछाना, सबको सौगात-
Vandana
आज भी तेरी तस्वीर देख कर धड़कने बढ़ जाया करती हैं आज भी तेरी खामोशी सौ सवाल पूछा करती हैं,,,,, आज भी तेरी तस्वीर देख कर धड़कने बढ़ जाया करती हैं आज भी तेरी खामोशी सौ सवाल पूछा करती हैं,,,, मालूम है तू घिरा है कई परेशानियों में जिंदगी