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NG India

बिकल जिया तरस रहा । 
          मोहिं दरश दिखा दो जी ।। 
त्रिय तापन सॅग तप रही सारी । 
         चरन अमी पिला दो जी ।।
ईंद्रियन सॅग भरमत डोले । 
         सोता मनुआॅ जगा दो जी ।।
जुगन जुगन से बिछडी चरन से। 
        अभी पिया से मिला दो जी ।।
शब्द जुगत तुम दिन बताई । 
         घट कपट हटा दो जी ।।
राधास्वामी प्यारे गुरू हमारे ।  
        मोहिं पार लगा दो जी ।।

       🌹।। राधास्वामी ।।🌹 #राधास्वामीसुनोअरजहमारी

Hari Muwal

राधास्वामी कंट्रक्शन कंपनी चोमू

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 राधास्वामी कंट्रक्शन कंपनी चोमू

Akash Das

https://youtu.be/aTPbJj2v2uo राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक की दुर्गति क्यों हुई?

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https://youtu.be/aTPbJj2v2uo
राधास्वामी पंथ के प्रवर्तक की दुर्गति क्यों हुई?

Akash Das

https://youtu.be/xnfXQwg2UDc राधास्वामी पंथ के अनुयायियों को भक्ति सन्देश |

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https://youtu.be/xnfXQwg2UDc
राधास्वामी पंथ के अनुयायियों को भक्ति सन्देश |

Akash Das

https://youtu.be/028YhzfERUI राधास्वामी प्रमुख शिवदयाल जी को सतनाम का क ख भी नहीं पता.! | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM - YouTube

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https://youtu.be/028YhzfERUI
राधास्वामी प्रमुख शिवदयाल जी को सतनाम का क ख भी नहीं पता.! | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM - YouTube

Priya Sharma

💥 सतलोक में भी अमर तत्व से बनी सृस्टि है वहां नर ,नारी , घर आदि सब कुछ है ऐसा कबीर सागर में प्रमाण है लेकिन राधास्वामी पंथ में इसे प्रकाश ह #story #nojotophoto #indianfestivals

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 💥 सतलोक में भी अमर तत्व से बनी सृस्टि है वहां नर ,नारी , घर आदि सब कुछ है ऐसा कबीर सागर में प्रमाण है

लेकिन राधास्वामी पंथ में इसे प्रकाश ह

Simran kaur

#RealityOfRadhasoami राधास्वामी पंथ के जितने भी गुरु हैं सभी शास्त्रों के विरुद्ध भक्ति करवा रहे हैं जबकि शास्त्रों में कहा गया है कि जो शास #nojotophoto #विचार

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 #RealityOfRadhasoami
राधास्वामी पंथ के जितने भी गुरु हैं सभी शास्त्रों के विरुद्ध भक्ति करवा रहे हैं जबकि शास्त्रों में कहा गया है कि जो शास

JALAJ KUMAR RATHOUR

"सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे #जलज

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सम्मान हमेशा  "सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे फ्रेशर या जूनियर के नाम से बुलाया जाता था सभी सतर्क खड़े हो गए।तभी हमारे पीछे से होते हुए एक मुस्कान के साथ कुर्ते और पजामे में ,गोल ग्लासों वाला चश्मा लगाए हुए एक व्यक्ति का आगमन हुआ।जिन्हे देख कर सभी सीनियरों ने "राधास्वामी सर" बोलकर संबोधित किया।उनके पीछे से हम जूनियरों ने भी।उन्होंने उस दिन बताया कि उनका नाम हंसराज है और वो इस हॉस्टल के रेजिडेंस वार्डन व यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर।उन्होंने बताया कि एक वक्त वो भी इसी हॉस्टल के कमरा नंबर 6 में हमारी तरह रहते थे।उन्होंने हम सभी का हॉस्टल में स्वागत किया और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए हमारे हॉस्टल के कैप्टन नेत्रपाल सर से संपर्क करने के लिए कहा।वो हंसराज सर से पहली मुलाकात थी और हमारी फेयरवेल के दिन आखिरी।आखिरी दिन उन्होंने कहा था की जीवन में कभी भी अपने मां, पापा, इस यूनिवर्सिटी और हॉस्टल का नाम मत झुकने देना।वो दिन अलग ही था।हम सब की आंखों में आंसू थे जिन्हे देख कर हम एक दूसरे पर हंस रहे थे।कुछ दिनों बात पता चला था की हंसराज सर को  इंजीनियरिंग फैकल्टी का डीन बना दिया गया है।हम सब लोगों ने उन्हें बधाइयां दी थीं।
आज सुबह नींद खुलने के साथ जब सर के निधन की खबर सुनी तो मन को विश्वास नहीं हुआ पर कुछ बातों को मानना पड़ता है। सर से जुड़ी बहुत सी यादें हैं जो अब सिर्फ मेरे ह्रदय में हीं रहेंगी।सर में उन दो सालों में हमे अपने बच्चों की तरह प्रेम दिया था और किसी भी वक्त हमारे लिए हाजिर होते थे।पता नही अब जब भी हॉस्टल के सामने से गुजरने पर आपके घर की तरफ नजर जाएंगी तो खुद को कैसे संभाल पाऊंगा।आप सभी से निवेदन है अपना और अपनो का ख्याल रखे इस वक्त जीना नहीं जिंदा रहना जरूरी हैं।क्युकी आप पर अपनो की जिम्मेदारियां हैं।मास्क का प्रयोग करिए और घरेलू नुस्खों का प्रयोग करिए।किसी को खोने का मतलब जीने की एक और आशा का काम होना होता है।
...#जलज कुमार (EX-Hostler

©JALAJ KUMAR RATHOUR "सभी लोग अपने राइट सीधे लाइन में खड़े हो जाओ वार्डन सर आ रहे हैं और चुप हो जाओ।" हॉस्टल के सीनियर ने कहा।मेरे और मेरे जैसे नए बच्चों ,जिन्हे

Motivational indar jeet group

# आखिर क्यों !! हमें सुनने व कहते हुए देखने में आता है कि शास्त्र सुनने व पढ़ने में या यूं कहलें की सत्संग सुनने में मन नहीं लगता । मुझे स #जानकारी

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आखिर क्यों !!
हमें सुनने व कहते हुए देखने में आता है कि  शास्त्र सुनने व पढ़ने में या यूं कहलें की सत्संग सुनने में मन नहीं लगता । 
मुझे समय नहीं मिलता मैं घर के काम में व्यस्त रहता हूँ , मुझे कहते तो सभी भाई अपने लिए भी जरा वक्त निकाला करो । लेकिन आखिर एैसा क्यों होता है ?
👉 भाई सिधी बात है मन के कहे अनुसार चलने वाले का यही हाल होता है , वो अपने जीवन में कोई भी काम सही तरीके से समय पर नहीं करपाते  ,  इस प्रकार के व्यक्ति को मन के गुलाम कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । जब तक आप मन के कहे अनुसार चलोगे तो यही हश्र होगा आप अपने अच्छे जीवन को अंधेरे की ओर धकेलने में स्वयं जवाबदार हो । यह तो संसार सागर है यहाँ हर जीव किसी न किसी कारण से दु:खी है इस लिए यहां दूसरों की चिंता करने से अच्छा है अपने स्वयं को पहचानलें वर्णा रोते हुए आए हो रोते हुए इस संसार से चले जाओगे ।
👉 आपको अपना जीवन सुखी करना है मन में शांति लानी है संसार का आवागमन खत्म करना है तो आपको सुखी होने का सबसे बड़ा जर्या है आप गुरुमुख बन जाए ।
गुरूमुखी कभी भी अपने जीवन में डगमगाते नहीं वो हमेशा सत्संग सुनना , सुमिरन में बैठना ,  शास्रों को पढ़ने में रूची रखना अपनी ड्यूटी समझते हैं ।
👉 काम , क्रोध  , मोह , लोभ , लालच , आपके लिए ये मछली के जाल की तरह है इसमें आना याने अपने आपका जीवन को नष्ट करना है । अत: इन पांच इन्द्रियों से बचने का सही तरीका है ईश्वर ध्यान करें  , मन के कहे अनुसार न चलें क्योंकि मन इन इन्द्रियों का गुलाम है ओर आपको नाना प्रकार के व्यसन  , कुकर्मों में उलझाए रखेगा यह आपको अच्छे काम की तरफ जाने नहीं देगा, आप अपना ज्यादा तर समय सत्संग ( शास्रों  ) में बीताएं ।
👉 अगर आपकी संगती मनमुखी से है तो स्वभाविक है वह आपको भी अपने जैसा बनाए रखेगा ।
अत: अपनी संगती गुरूमुखी से बनाए रखे ।
आप चाहे जीतनी कोशिश करलें मक्खी चंदन या खुशबू वाली जगह पर नहीं बैठेगी क्योंकि उसको वहाँ का पता ही नहीं है और उसको गंदगी पर बैठना उसका अपना स्वभाव है , अत: इस प्रकार के व्यक्ति आपको भी अपने साथ रखने का प्रयास करेगें  । 

           राधास्वामी जी ।👏👏

©motivationl indar jeet guru # आखिर क्यों !!
हमें सुनने व कहते हुए देखने में आता है कि  शास्त्र सुनने व पढ़ने में या यूं कहलें की सत्संग सुनने में मन नहीं लगता । 
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