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Kiran Chaudhary
green-leaves एक एक करके सब छोड़ गए मुझे, और, मैंने भी अब खुदको अकेला कर दिया।। ©Kiran Chaudhary एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
read moreMahesh Patel
White सहेली...... आंखें उसकी सजल है.. बातें उनकी सरल है.. घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है.. कैसे कहूं यारों.. वह गीत है वह मित भी है.. यह दर्द में डूबी हुई.. फिर कोई हमारी गजल है.. लाला..….. ©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....
सहेली... गजल... लाला....
read moreShilpa Yadav
Unsplash आजकल लिख रही हू मनमर्जियां अपनी सच कह नहीं सकती तो झूठ उधार लेती हूं बेशक मैं दर्द ए मुरीद सी भूल जाऊं खुदको अपने शब्दों से लोगों को सुधार देती हूं तरबियत इतनी कि तबियत खराब कर दूं कह दो जरा तो अपनी न सही दूसरों की भी जीवनी को पन्ने पर उतार देती हूं मैं वो शख्श हूं जिसका जमीर जिंदा है सच कह नहीं रकती तो झूठ उधार लेती हूं ©Shilpa Yadav #lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
#lovelife #गजल#गजल_सृजन #shilpayadavpoetry R Ojha Neel Vishalkumar "Vishal" Ravi Ranjan Kumar Kausik Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
read moreMohan Sardarshahari
Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari # गजल
# गजल
read moreAshok Verma "Hamdard"
White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard" गजल
गजल
read moreनवनीत ठाकुर
पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
फना हो कर भी अमर हो गए
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