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Prabha ❤❤❤
तबाही उठी थी दिल मे, बर्बाद सारा ज़माना हों गया, मेरा यार क्या गुज़रा गली से इश्क़ सबको पुराना हों गया, ओर एक ही शख्स के दीदार का, दीवाना सारा ज़माना हों गया, रोका हमने हर एक को बेहकने से मगर कमबख्त तब तक तबाह घर हमारा हों गया , एक चलन ये भी रहा ज़माने का, इश्क़ मुस्क छुपते नहीं छिपते, केह कर हर समा परवाना हों गया!! ©Prabha ❤❤❤ #इश्क़ की तबाही..
prem pratap rana
इश्क़ ने देखो,कैसी तबाही मचा रखी है। आधी दुनिया को पागल, और आधी को शायर बना रखी है।। ©prem pratap rana इश्क़ की तबाही #OurRights
sanjana-jp
लम्हा वो एक आया भी सहमा मुस्कुराता, और झकझोर के मन को चला गया फिर से। वो उत्तराखंड वाली चित्र आँखों में अभी तक चल ही रहा था, कि तुमने झकझोर दिया फिर से, ऐसा था कुछ वक़्त, कुछ ऐसा था मौसम। जो हवा तन को ना छू रही थी, वो ऐसी आयी कि मन को हिला दिया फिर से, ऐसा लगा कह रही है, कि सूकून हमें भी तुमने नहीं दिया, इसीलिए,अपनी गति से वक़्त आगे बढ़ाना पड़ा फिर से। मन बावरा अब मेरा भी हुआ हैं, जो ठहरने का नाम भी न लेता, मत कटों पेड़, अब कभी आऊँगी ना फिर से। वो एक आया भी सहमा मुस्कुराता, तो झकझोर के मन को चला गया फिर से, बोलियां भी खामोश कर दी , चुप्पियाँ जैसे यकायक हैं छा गयी। ना हो सका एहसास जो इस बात का की, पास इतने तुम कब आ गयी । बेचैनी की भी वो रात गुज़र जाती , एक नशा मन में चढ़ा हुआ था। देखते ही देखते कुछ ऐसा हुआ कि पूरा का पूरा दृश्य बदल गया फिर से। वो एक आया भी सहमा मुस्कुराता, तो झकझोर के मन को चला गया फिर से। नींद कोसो दूर थी वो गर्मी भी खफ़ा थी, मंथर गति से चाँद छुप रहा था गगन में। और हल्का उजाले में , धुँआ सा कुछ लग रहा था मन में। हद-अनहद से दूर कोसो जा चुकी थी, था नहीं कुछ भी तब दायरे में। बहती हुई तुम डूब गई फ़िर से, और इस तरह सागर नदी से मिल गया फिर से। वो एक आया भी सहमा मुस्कुराता, तो झकझोर के मन को चला गया फिर से।।।। #मौसम की गुहार, महाराष्ट्रा की तबाही,,
sejal
मत कर अब और ज़ुल्म ए- इंसा इन बेजुबानों पर... बड़ी खूबसूरती से नवाजा है इन्हें भी उस रब ने,, जब दुःख के बादल छाए उस रब पर तो बन औषधि खुद का शिश किया कुर्बान । ना पहुंचाई क्षति किसी को, ना पहुंचाई चोट किसी को.. फिर भी मानव ने बस अपने मनोरंज के लिए ले ली उस बेजुबा की जान। लो आज फिर एक बार हो गई मानव जाति शर्मसार।। Sejal Verma ( Navi). ज़ुल्म...
sachin K Videos
मैं जानता हूँ? जितनी कमाई है उतनी तबाही है दिन प्रतिदिन बढती जो मंहगाई है तबाही है.. तबाही है.. तबाही है मैं जानता हूँ? कुछ ऐसे भी लोग निद की गोली खातें हैं कुछ ऐसे भी है जिन्हें नींद सताते हैं अब सड़कों भीड़ जो बढाई है तबाही है.. तबाही है.. तबाही है मैं जानता हूँ? इण्डिया जहां सारा चीज पाया जाता है फिर भी कैसे देश पीछे रह जाता है क्योंकि नेताजी का जहां भलाई है तबाही है..तबाही है.. तबाही है मैं जानता हूँ? तबाही है.. तबाही है.. तबाही है
Khan zada Shayar
{ Zulm } अब कोई भी ज़ुल्म हमको,परेशान ना करेगा🤔 एक ज़ुल्मी वफा के तिरो,बेवफ़ाई का ज़ख्म जो देगाया😒 ©Khan zada Shayar ज़ुल्म 😒
Vaibhav Gautam
साहब ज़ुल्म सहकर ख़ामोश रहना भी किसी मौत से कम नहीं होता -Vaibhav Gautam #ज़ुल्म #alonesoul
Devang shukla
कतार लंबी है मुझ पर, तेरे जफाओ की। फिर भी आई हो तो गले मिलो,अब हटाओ ये हिजाब भी। तुम्हें क्या मालूम है कि तुम कितनी खूबसूरत हो। तुम्हें देखे तो शरमा जाए आकाश का महताब भी। गुजर जाओ जो गलियों से, खुशबू बदल जाए हवाओं की दो चार ग़ज़ल काफी नहीं जो बता सके तू क्या है, सोचता हूं तुझ पर लिख दूं एक दो किताब भी। जो राधा हो जाए कृष्णा की फिर किसी की चाहत क्या हो कृष्णा को। ना फिर हो कोई ख्वाहिश,ना अधूरे कोई ख़्वाब भी। जफ़ाओ: ज़ुल्म
sunny malik
ज़ुल्मी ये ज़माना, जमाने की रूसवायी , जहां होती देखी मां-बाप के सपनों की तबाही।। #तबाही#