Find the Latest Status about सियाह हाशिए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सियाह हाशिए.
meri_lekhni_12
White बहर: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन) सियाह रात के ग़मों को मिटाना होगा, हर एक आँसुओं को अब मुस्कुराना होगा। ख़मोशियों में कैद थी जो सदा सदी से, उसे हवा बना के अब गुनगुनाना होगा। जो ज़ख्म दिल पे हैं, उन्हें रौशनी में लाओ, उन्हें छुपा के कब तलक सर झुकाना होगा। हयात लूट ली गई बेबसी के हाथों, इन्हें हज़ार बार चीर कर लौटाना होगा। ख़ुदी को मत दबा, खड़े हो, लडो ज़माने से, सफ़र में ख़ुद को अपना कारवां बनाना होगा। पूनम कोई अपना हो या ना हो सफ़र में, हर एक दर्द से नई दास्तां को सजाना होगा। ©meri_lekhni_12 सियाह रात.......
सियाह रात.......
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में, सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे, किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ, मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा, किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे, खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी, ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का, झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे, अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_quotes वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहु
#sad_quotes वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहु
read moreनवनीत ठाकुर
आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंसाफ का सूरज अब उगाना होगा, नई क्रांति का परचम लहराना होगा। हर साजिश का पर्दाफाश करना होगा, हर अन्याय को जड़ से उखाड़ना होगा। आओ उम्मीदों की मशाल जलाएं, इस सियाह दौर को रौशन बनाएं। ©नवनीत ठाकुर #आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंस
#आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंस
read more