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हिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreParasram Arora
White धर्म! आखिर ये धर्म है क्या? मैंने तो सिर्फ जीवन को ही जाना है जीवन के अलावा मैंने किसी को नहीं जाना है. और मेरी दृष्टि मे जीवन का अर्थ है. खेत हल कुवा और लहल्हाती फसल जीवन का अर्थ है पत्नी बच्चे और सुखद सफल दाम्पत्य ©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
आखिर ये धर्म है क्या?
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम क्या है..? मन की व्यथा जब कहनी ना पड़े, तन की पीड़ा जब बतानी ना पड़े, आँसू गिरे तो किसी की हथेली नर्म कर दे, निगाहें उठे तो गुस्सा शांत कर दे, मन जब उस मुकाम पर किसी के कंधे पर सर रख कर मुस्कुराए और आँखें भीग जाए, वो एहसास वो मुकाम प्रेम है..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay #Nojoto
प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay
read morekatha Darshan
White धुआं लकड़ी का हो या यादों का आँखे तो जलती ही हैं ©katha Darshan #Nojoto क्या बदलता है ! Katha Darshan
क्या बदलता है ! Katha Darshan
read moreneelu
White जिंदगी में खुद के साथ... खुद का सफर सबसे आसान भी हो सकता है और मुश्किल भी हो सकता है सिर्फ एक बात जानने से..... वह क्या हो सकती है? ©neelu #sad_quotes वह #क्या हो #सकती है
#sad_quotes वह #क्या हो #सकती है
read morekatha Darshan
White कौन झाँक रहे है इधर उधर सब। अपने अंदर झांकें कौन ? ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां । अपने मन में ताके कौन ? दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते । खुद को आज सुधारे कौन ? पर उपदेश कुशल बहुतेरे । खुद पर आज विचारे कौन ? हम सुधरें तो जग सुधरेगा यह सीधी बात स्वीकारे कौन? ©katha Darshan #Nojoto क्या बदलना है ! Katha Darshan
क्या बदलना है ! Katha Darshan
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
ध्वनि कभी कर्णप्रिय लगती हमको कभी है लगती कर्कश कभी हृदय को पीड़ा देती कभी लुभाती बसबस बनकर के संगीत जहाँ को अपने वश में करती कभी भयानक बन जाती यह सारी दुनिया डरती जिसके मुँह से ध्वनि ना निकले उसको गूँगा कहते बहरा बोले सुन नहीं सकता मै कानों के रहते बेखुद ध्वनि जब हद से बढ़ती बन जाती है शोर रूप प्रदूषण का धर लेती बनती आदमखोर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #ध्वनि