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Stories related to खाने में क्या खाएं

Anil sahni

लास्ट में क्या हुआ

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SANIR SINGNORI

'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀

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'जानी' पागल क्यूं हो गया तू...           
एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀  








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©SANIR SINGNORI 'जानी' पागल क्यूं हो गया तू...           
एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀

SANIR SINGNORI

जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या

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'जानी' को समझाए कोई...          
           एक ही शख़्स था जहां में क्या.. 🥀🥺 





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©SANIR SINGNORI जानी को समझाए कोई,
एक ही शख़्स था जहां में क्या

लेखक 01Chauhan1

ऐसे लोगो की बारे में क्या बात करें

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seema patidar

क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......

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White तुम्हें क्या हुआ?
कुछ नही!

ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है
पर ये बहुत विशाल है

किसी का कुछ नही विशाल है तो
 सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए

किसी का कुछ नहीं विशाल है तो
सिर्फ एक परम मित्र के लिए

ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है 
पुनः अपने दुख को न कुरेदने का
इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो 
सिर्फ एक परम मित्र का
जो मरहम है इस कुछ नहीं का ।

©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ......
कुछ नहीं .......

Uttam Bajpai

मेल और फीमेल में क्या समानता होती है

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Sumit Hansarian

मूली खाने के फायदे Extraterrestrial life

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F M POETRY

#क्या हुआ...

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White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ..
है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ..

घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है..
पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ..

यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #क्या हुआ...

नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

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वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में

हिमांशु Kulshreshtha

क्या ग़ज़ब....

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White क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
वो क़ैद रहे अपनी ख़ुदी में
हम अपना करम करते रहे
वो मोहब्बत निभा न सके
हम मुसलसल इश्क़ करते रहे

©हिमांशु Kulshreshtha क्या ग़ज़ब....
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