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Gautam Bisht
इस तिहरे सत्य को सभी को सिखाओ: एक उदार दिल, दयालु भाषण, तथा सेवा और करुणा का जीवन, ये वो चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं। ©Gautam Bisht सुपभात,
Gautam Bisht
इस तिहरे सत्य को सभी को सिखाओ: एक उदार दिल, दयालु भाषण, तथा सेवा और करुणा का जीवन, ये वो चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं। ©Gautam Bisht सुपभात,
"ANUPAM"
👁️जो भी भला-बुरा है, श्रीराम जानते हैं! 👁️बन्दे के दिल में क्या है मेरे राम जानते हैं। 👀 सुप्रभात🌹आपकी नजर🙈🙉🙊!! 👁️नर सोचे नहीं होत है प्रभु! सोचे तत्काल 👁️बलि चाहत बैकुंठ को,हरि! पठयो पाताल 🦜मुख्तसर सी जिंदगी के अजीब से अफसाने हैं...!! यहाँ तीर भी चलाने है और परिंदे भी बचाने हैं.....!! 🦜अजीब "सौदागर" है ये वक़्त.....! जावानी का "लालच" देकर बचपन ले गया....और अमीरी का "लालच" देकर जवानी ले गया......! 🦜स्त्री "प्रेम" में होती है......"मुस्कुराती" है...! पुरुष "प्रेम" में होता है..."मौन" हो जाता है..! 🦜समझ समझके जो न समझे...... ...........👀 में वो नासमझ है!! 🦜मित्रों 🙏आज के लिए बस यही सबक है। 🕊️"अनुपम"से मिलने का अब यही सबब है। ©"ANUPAM" #सुप्रभात_दोस्तों
Dr jyotsna singh Rajawat
सुप्रभातः शुभम् भवतु।। (सुभाषित वचनं) यत्रापि कुत्रापि गता भवेयु- हंसा मही मण्डलमण्डनाय। हानिस्तु तेषां हि सरोवराणां येषां मरालैः सः विप्रयोगः।। अन्वयः हंसा: महीमंडलनाय यत्रापि कुत्रापि गता भवेयु:। हानि तु तेषाम् सरोवराणाम् भवति, येषाम् मरालै: सह विप्रयोग: (भवति)। अर्थ: पृथ्वी तल को सुशोभित करने के लिए हंस जहां कहीं भी चले जाएंगे (उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता)। पर हानि तो उन तालाबों की होती है जिनका हंसों के साथ वियोग होता है। विशेष : गुणवान व्यक्ति कहीं भी रहे, वह अपने गुणों से संसार को लाभान्वित ही करेगा, पर वह जिस स्थान से चला जाएगा, वह स्थान निश्चय ही उसके अभाव का अनुभव करेगा और उसके लाभों से वंचित हो जाएगा। डॉ. ज्योत्स्ना सिंह ©Dr jyotsna singh Rajawat सुप्रभातः #Health
RKant
जो खुश होते हैं मेरी ज़ख्मों को कुरेदकर, दिल में रखा हूं उनकी यादों को सहेजकर! जो रखतें हैं ख्वाहिशें मेरे क़त्ल की, सिने से लगाया हैं उन्हें बाहों में समेट कर! जलाया हैं जिन्होंने आशियाना मेरा, सिंचा था उन्हें जिस्म अपना निचोड़ कर! इल्ज़ाम वो भी लगाते हैं हम पर भरी महफ़िल में, जिन्हें सिखाया हैं अदब इमान अपना परोस कर! यकिन था जिस पर खुद से ज्यादा, वो साया भी चला गया अंधेरे में छोड़कर! जो दुआ करते हैं मेरे सुपुर्द-ए-खाक होने की, मौका उन्हें भी दिया हैं रिश्ता उनसे जोड़कर! #सुपुर्द_ए_खाक #मौत
Govind Pandram
सुबह हुई किरणे बरसी कलियाँ लगी खिलने, नदियाँ भी जा पहुँची सागर से मिलने, उठकर जब देखा सुबह का ये नजारा.. हँसते फूलों को देखा तुम्हें याद किया दिल ने.. सुबह हुई किरणे बरसी कलियाँ लगी खिलने, नदियाँ भी जा पहुँची सागर से मिलने। तितलियों का पुष्पों पर हुआ शुरू मंडराना, कोयल भी पेड़ो पर गाने लगे मधुर तराना, उठकर जब देखा ये हसीं मंजर न्यारा.. उगते सूरज को देखा तुम्हे याद किया दिल ने.. सुबह हुई किरणे बरसी कलियाँ लगी खिलने, नदियाँ भी जा पहुँची सागर से मिलने। वन में डालियो पर पंक्षियाँ लगे है चहकने, उपवन में फूल भी लग गये महकने, उठकर जब देखा नदी का सुन्दर किनारा.. बहते पानी को देखा तुम्हे याद किया दिल ने.. सुबह हुई किरणे बरसी कलियाँ लगी खिलने, नदियाँ भी जा पहुँची सागर से मिलने। 'सुप्रभात' गोविन्द पन्द्राम #सुप्रभात_#sunrays
Kuldeep Shrivastava
जय_श्री_हरि_विष्णु सुप्रभात_मित्रो आप सभी मित्रों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏 ©Kuldeep Shrivastava सुप्रभात_मित्रो #makarshankrantiwishes