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बेजुबान शायर shivkumar
कृष्ण के संग राधा की वो बात प्रेम की गहराई बताती है, राधा की वाणी की मिठास, कृष्ण की सच्चाई दिखलाती है.... कृष्ण की मोहिनी सूरत राधा के दिल में बसी है, मोहन के प्रेम में राधिका रंगी हैं. राधा-कृष्ण की प्रेम लीला में छिपा है उनके अनेकन प्यार और समर्पण... है “ कृष्ण की मधुर वाणी में राधा की अनंत भक्ति की मिठास छिपी है, जो सुनने वाले के उस हृदय को मोह लेती है । ” 🎵💞 ©बेजुबान शायर shivkumar कृष्ण के संग राधा की वो बात प्रेम की गहराई बताती है, राधा की वाणी की मिठास, कृष्ण की सच्चाई दिखलाती है.... कृष्ण की मोहिनी सूरत राधा के दिल
कृष्ण के संग राधा की वो बात प्रेम की गहराई बताती है, राधा की वाणी की मिठास, कृष्ण की सच्चाई दिखलाती है.... कृष्ण की मोहिनी सूरत राधा के दिल
read moreSunita Pathania
neelu
White Yesterday I saw a few episodes of the Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God... ©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreIG @kavi_neetesh
White शरद पूर्णिमा उत्सव हमको, केवल यही बताता है। किरणपुंज इस भू पर आकर, अमृतमय हो जाता है।। सबसे निकट चंद्रमा होता, आज रात इस पृथ्वी पर। सोलह सभी कलायें खिलतीं , इंद्रधनुष सी धरती पर।। लक्ष्मी श्री का शुभ आराधन, सबको सुखद बनाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर.......... रात सुई में धागा डालो, नेत्र ज्योति बढ़ जायेगी। खीर खिलाओ खुद भी खाओ, उम्र बहुत बढ़ जायेगी।। जो कोजागर होकर रहता, वो ही प्रभु को पाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर............ कृष्ण मनाते महारास हैं, शिव गोपेश्वर हो जाते। महारास की इस लीला में, मन वृंदावन हो जाते।। अंतर्मन आनंदित होता, उत्सव मुदित मनाता है।। जो कोजागर होकर रहता.......... ©IG @kavi_neetesh पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर :::::::::::::::::::: जो कोजागर होकर रहता ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर :::::::::::::::::::: जो कोजागर होकर रहता ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
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