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Anjali Singhal
"एक मधुर जीवित आभा सी, लिपट गई मन से खुमारी; चाहत के रहे जलते दिये, जगमगाती रही प्रीत हमारी। एक लहर सी उठ-उठकर यादों की, कर जाती थी मन को भ #Poetry #AnjaliSinghal
read moreN S Yadav GoldMine
White विष्णुपुराण १।१७।२६) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'पिताजी! वे विष्णु भगवान् केवल मेरे ही हृदय में नहीं बल्कि सम्पूर्ण लोकों में स्थित हैं। वे सर्वगामी तो मुझको, आप सबको और समस्त प्राणियों को अपनी-अपनी चेष्टाओं में प्रवृत्त करते हैं।' ऐसी बातें सुनकर तो राक्षसराज का क्रोध अत्यन्त भड़क गया, और वह भक्त प्रह्लाद को भयानक त्रास देने लगा। हरिनाम लेनेvवाले प्रह्लाद को विष पिलाया गया, पर्वत से गिराया गया, सर्पों से डसाया गया, आग में जलाया गया इत्यादि अनेक प्रकार से राक्षसों ने जबरदस्ती जोर-जुल्म ढहाये, किन्तु उसका कुछ भी अनिष्ट न कर सके :- जय श्री राधे कृष्ण जी.... जाको राखै साइयाँ मारि सकै नहिं कोय। बार न बाँका करि सकै जो जग बैरी होय॥ कहा करै बैरी प्रबल जो सहाय रघुबीर। दस हजार गजबल घटॺो घटॺो न दस गज चीर॥ जय श्री राम जी.... प्रबल शत्रु सामने हो तो भी सारे संसार का वार खाली चला जाता है, उसका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता। भक्त पर अत्यन्त अत्याचार होने पर अन्त में खम्भे में से प्रह्लाद के प्यारे परम प्रभु को प्रकट होना ही पड़ा। ©N S Yadav GoldMine #car विष्णुपुराण १।१७।२६) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'पिताजी! वे विष्णु भगवान् केवल मेरे ही हृदय में नहीं बल्कि सम्पूर्ण लोकों में स्थित हैं। व
Neelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. #कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White आसमान पर देखो तो जमकर बादल सा छाए है ये काले बादल भी आसमान को घेर रखे है ! वो आँचल की छांव भी कितने ये घने है, ये पेड़-पौधे , वृक्ष जहाँ मिलेंगे ये रिमझिम-रिमझिम बरसेंगे ! मन का मयूर जैसा नाच रहा देखो तो , बादलों के गरजने से ऐसा लगता है ! जैसे मधुर संगीत का ये संगम हो रहा है आज है तो कल है, जल है तो जीवन है ! गम है तो खुशी है, आत्मा है तो शरीर है, सच है तो झूठ भी है, जैसा भी हो, ये जीवन है ! ये जीवन के रंग भी अनेक हैं, एक ख़्वाब सा बुनता है सुजीत ! अमन ए चैन का, जमाने को न जाने क्या हो गया है सबके सब यहाँ, रक्त का दरिया बहाने को यु बेचैन है ! आसमान पर देखो तो जमकर बादल सा छाए है ये काले बादल भी आसमान को घेर रखे है.....!! ©Shivkumar #turnblack #turn #Nojoto #nojotohindi #turn_black #आसमान पर देखो तो जमकर #बादल सा छाए है ये काले बादल भी आसमान को घेर रखे है !
#turnblack #turn #nojotohindi #turn_black #आसमान पर देखो तो जमकर #बादल सा छाए है ये काले बादल भी आसमान को घेर रखे है ! #खुशी #कविता #संगीत #आँचल
read moreBanarasi..
Shaarang Deepak
Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (23 & 24) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #मोटिवेशनल #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan
read moreShaarang Deepak
Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (17 & 18) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan
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