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pooja salvi
White बीता हुआ साल जरूर याद आएगा कौन क्या, कैसा था ये वक्त बहुत जरूर याद आएगा...।। ❤️💯💫 ©pooja salvi #Free
kuldeep singh
White jamaana wafadaar nahi to kya hua dhokhewaaz to apne hai ©kuldeep singh #Free
लेखक ओझा
White बेहतर है की कुछ नया सोचिए पुराने ख्यालात में जीना नया होने का विरोधाभास होगा! ©लेखक ओझा #Free
paras Dlonelystar
White कौन झूठा कौन सही,कहना मुश्किल जो दिखता है बिकता है,है वही काबिल कदर नहीं यहाँ मेहनत की,होश गाफिल फिर भी चलते जाना, सब है मुसाफिर अपनी बदहाली की, रात भी जाएगी सुबह होगी अपनी भी,खुशियां दिखाएगी दुनिया अपनी भी,गुलशन बन जाएगी बढ़ते इन कदमों को एक दिन अपनाएगी - यहां सब चलता है, पानी भी जलता है मिट्टी यहां सख्त है पर पत्थर पिघलता है बात ये हल्का है, बातों पे निकलता है जितना भी काटो रास्ते,सफर ये बढ़ता है ©paras Dlonelystar यहां सब चलता है-3 #good_night #parasd #lyrical #yqquotes #HipHop #Music #Rap metaphysical poetry
यहां सब चलता है-3 #good_night #parasd #lyrical #yqquotes #HipHop #Music #Rap wmetaphysical poetry
read moreparas Dlonelystar
White डिजिटल पेमेंट नहीं चाहिए हमें कैश सीधी है सड़कें, ड्राइविंग होती रैश लिरिकल पंच का दे रहे हम बैश खरा सोना ईमान लेकिन नियत है ट्रैश हम है भिकारी पर करते डिमांड हालातों के शिकार,व्यवहारिक भांड नहीं रहा ख़्वाहिशों पे अपना कमांड करते सब सही पर हो जाता है कांड - यहां सब चलता है, पानी भी जलता है मिट्टी यहां सख्त है पर पत्थर पिघलता है बात ये हल्का है, बातों पे निकलता है जितना भी काटो रास्ते,सफर ये बढ़ता है ©paras Dlonelystar यहां सब चलता है-2 #parasd #yqquotes #lyrical #Rap #Music metaphysical poetry
Varun Vashisth
White मेरे दिल का चांद अब किसी ओर के आंगन में चमकता है न जाने फिर भी यूं दिल उसी के लिए मचलता है ©Varun Vashisth #Free
Nitin Kuvade
White खुद से खुद का प्रतिशोध है खुद से खुद का विरोध है,, खुद ही खुद के विकास मे बने जा रहा गतिरोध है,, कहा जा रहा, क्यों जा रहा इस बात का कहा बोध है,, मेरी पहचान थी एकता की वह एकता बनी अब शोध है,, जिसने जैसा कहा वैसा सुना खुद को समझता अबोध है,, जरा जरा सी बात पर बिगडु मुझ पर सवार केसा क्रोध है,, खुद ही खुद का नुकसान करू इसका कहा अब आत्मबोध है,, खुद से खुद का खत्म करना अब मुझे तो प्रतिशोध है, सफलता बाह फैलाये ख़डी नव सवेरे का नव प्रबोध है,, सब को अपना बना चलु मन से मन को मिला चलु खुद से खुद का ये अनुरोध है.... 26-11-2024 ✍️नितिन कुवादे.... ©Nitin Kuvade #Free