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pawan
भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है। इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 1583 में बनवाया था। भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया। विकिपीडिया ऊंचाई: 382 मी स्थापना की तारीख: 1573 ©pawan भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है। इस क
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भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है। इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 1583 में बनवाया था। भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया। विकिपीडिया ऊंचाई: 382 मी स्थापना की तारीख: 1573 ©pawan भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है। इस क
Divyanshu Pathak
ये बे लोस चाहत ये बे दाग़ नाते जहां में कहाँ लोग ऐसे निभाते ! तुम्हारी मोहब्बत भुला ना सकूंगा तुम्हारा ये एहसान चुकाना सकूंगा ! दिए जिंदगी के तुम्हीं ने उजाले मेरा दिल न चाहे की तुम से विदा ले ! :तस्वीर के बारे में---💕🍫😀🍨 : भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भ
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर मे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है, पढ़िए इसका इतिहास !! 🐚🐚 {Bolo Ji Radhey Radhey} पांडुपोल हनुमानजी मंदिर :- 🌊 पांडुपोल का हनुमान मंदिर राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य के अंदर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। जिसमे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है। अरावली रेंज के ऊंचे कगार वाले पहाड़ी के बीच,स्थित पांडुपोल का प्राचीन हनुमान मंदिर अलवर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। मंदिर के परिसर लंगूर, मकाक और कई प्रकार के पक्षियों और अपने भव्य 35-फुट झरने के लिए भी प्रसिद्ध है। पांडुपोल का इतिहास :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर इतिहास 5000 साल पुराना माना जाता है, पौराणिक कथा के अनुसार भीम ने अपनी गदा से प्रहार किया जिससे पहाड़ मे दरवाजा निकल गया और पहाड़ पर बना दरवाजा ही पांडुपोल हनुमान मंदिर के नाम से स्थापित हो गया। एक अन्य कथा के अनुसार, पांडुपोल वही स्थान था जहा भगवान हनुमान ने भीम को पराजित कर उसके अभिमान पर अंकुश लगाया था। पांडुपोल धाम का रहस्य :- 🌊 आपको बता दे की पांडुपोल वही रहस्यमयी स्थान जहा पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान अपने कुछ साल पांडुपोल में बिताए थे। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार, यह पांडुपोल वही स्थान था जहा भगवान हनुमान ने भीम को पराजित कर उसके अभिमान पर अंकुश लगाया। पांडुपोल का मेला :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर का मेला अलवर का एक लोकप्रिय मेला है जो हर साल भादौ शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भरता है। जहा बड़ी संख्या में दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश व अन्य जगहों से श्रद्धालु आते है। पांडुपोल हनुमान जी के दर्शन का समय :- 🌊 अगर आप पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे की आप पांडुपोल हनुमान मंदिर घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे बेहतर समय माना जाता है। पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने के लिए सर्दियाँ का समय आदर्श समय होता है क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत सुहावना होता है। पांपांडुपोल हनुमान मंदिर पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 5.00 बजे से शाम 10.00 बजे तक खुला रहता है। पांडुपोल भरतरी कैसे पंहुचा जाये :-🌊 दिल्ली से 165 किलोमीटर और जयपुर से 110 किलोमीटर दूर, स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर आप ट्रेन, सड़क या हवाई मार्ग से यात्रा करके पहुच सकतें हैं। फ्लाइट से पांडुपोल हनुमान मंदिर कैसे पहुचे :- 🌊 अगर आप फ्लाइट से यात्रा करके पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने का प्लान बना रहे है तो बता दे की पांडुपोल हनुमान मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर हवाई अड्डा है, जो पांडुपोल हनुमान मंदिर से लगभग 110 किलोमीटर दूर है। आप जयपुर तक किसी भी प्रमुख शहर से उड़ान भरकर पहुच सकते है, और फिर वहा से पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए बस या एक टैक्सी किराए पर ले सकते है। सड़क मार्ग से पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर कैसे पहुँचे :- 🌊 राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बसे उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए टैक्सी ,कैब किराए पर ले कर या अपनी कार से यात्रा करके पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर पहुच सकते हैं। ट्रेन से पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर कैसे पहुँचे :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन है जो शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं। आप ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है और वहा से बस से या टैक्सी किराये पर ले कर पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुच सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #snowfall इस मंदिर मे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है, पढ़िए इसका इतिहास !! 🐚🐚 {Bolo Ji Radhey Radhey} पांडुपो