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Ek villain
दिल्ली में पानी की दशा बेहतर क्यों नहीं है इसका जवाब पिछली सरकारों के पास भी कभी नहीं था और आज भी नहीं है इससे बढ़ते राजनीतिक और दिवाली के बाद राजनीति के दम घुट हालात से भी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हुए दिल्ली के पास अभी हालात दूसरे दिन दो-तीन दिन दशकों बाद से बेहतर हुए हैं बात हवा की हो या पानी की पूरे साल इसमें से किसी ना किसी का रोना बना रहता था दिल्ली प्रदेश की राजधानी है यह देश का प्रतिनिधित्व नहीं करती बल्कि है आदर्श है जिससे सारा देश देखता है अनुकरण के अवसर तलाशने करेगा देश की दिशा में भी यह तय होती है कि पानी की बढ़ती किल्लत और भूजल की हालत पर सरकार कितनी संतान है इसका पता है बात से चलता है कि भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है इस मसले पर सरकार को घेर लेते हैं सरकारी पानी ना हो तो उतारू रहते हैं पर इसकी भरपाई दोस्तों से दूर है दिल्ली के पानी की आपूर्ति होती है नदियों में गंगा और यमुना जल की आवश्यकता है यहां की आबादी 100000 से 28 करोड़ तक पहुंच गई अब पानी की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है दूसरी तरफ से होने वाले पानी में बड़ी कमी आई है पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है और दूसरी तरफ से ज्यादा है और उसमें से ही आता है हर दिन किए जाने वाले पानी की आपूर्ति की कोई व्यवस्था ना होने के कारण आज ही जल स्तर तक नीचे जा चुका है एक सर्वे के अनुसार दिल्ली के प्रति वर्ग मीटर की दर से गिर रहा है हालात यदि ऐसे नहीं गए तो कुछ समय बाद पताल में भी जाने पर पानी नहीं मिलेगा दूसरी बड़ी बात यह है कि जल्दी इतना नीचे है खींचा जाता है उसकी गुणवत्ता भी उतनी ही खत्म होती चली जाती ©Ek villain #गिरते भूजल स्तर पर लगे लगाम #WorldPoetryDay
Ek villain
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों को आश्वस्त कर रहे हैं हवा हिसार के निर्माणाधीन विमानतल से यात्री विमान बाद में चलेंगे पहले कार्गो विमान चलेगा जिससे हरियाणा के किसान अरब देशों में अपने फल और सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे निश्चित रूप से यदि हिसार से कार्गो विमान की उड़ान आरंभ हो जाए तो हरियाणा के में किसानों के उद्यमियों व्यापारियों सब को लाभ होगा लेकिन हरियाणा में भूजल की जो स्थिति है उसे देखते हुए कितने दिनों तक खेती की जा सकती है इस पर चिंता करनी होगी मुख्यमंत्री किसानों ने जल संरक्षण पर विशेष जोर दे रहे हैं तब का विधि यानी माइक्रो इरिगेशन से जल की बचत की जा सकती है इसके साथ ही हरियाणा में भूजल के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण के जितने उपाय है सभी ©Ek villain #lonelynight हरियाणा में गिरता भूजल का स्तर
Arun Nagar Writer
ऐ सनम ये हवाएँ तुमसे मिलकर आती होंगी यूँ ही नहीं मुझपर ये इतने ज़ुल्म ढाती होंगी थर-थर काँपे मेरी साँसें तेरी यादों में क्यूँ शायद ये साँसों का कलेजा काट जाती होंगी ©Arun Nagar Writer थर थर काँपे मेरी साँसें...! follow कीजिए 👍👍🙏 #Shayari #शायरी #गजल #ghazal #rekhta #rekhtashayari #twolineshayari #SAD
संजय दास
#Kabir_Is_God सतगुरु के दरबार में मेरी थर थर कापे देह ना जाने किस बात पर मेरा टूट न जाए नेह
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- थर-थर कापे होंठ सभी के , कट-कट बोले दाँत । अन्न बिना सूने है दिखते , घर में अब तो जाँत । थर-थर कापे होंठ सभी के .... कैसे दे नववर्ष बधाई , जाकर उनको आज । काज सभी के बन्द पड़े है , कैसे छेड़े साज ।। रोटी तो अब मिलती मुश्किल , कब तक खाए भात । थर-थर कापे होंठ सभी के .... शीत लहर से काँप रहे हैं , जीव-जन्तु इंसान । दसों दिशाओं धुन्ध पड़ी है , छुपे सूर्य भगवान ।। खाली पेट मरोड़ उठी है , सुकुड़ी सबकी आँत । थर-थर कापे होंठ सभी के .... जो मेरा अब तक हुआ नही , कैसे हो स्वीकार । बस कहकर तुमने थोप दिया , यह सबका त्यौहार ।। लेकिन इसमें दिखी न हमको , खुशियों की सौगात । थर-थर कापे होंठ सभी के ... हम तो अपनी पीर छुपाए , बैठे थे सरकार । ऊपर से नववर्ष तुम्हारा , बन बैठा त्यौहार ।। किसको जाकर आज दिखाए , किसने मारी लात । थर-थर कापे होंठ सभी के .... थर-थर कापे होंठ सभी के , कट-कट बोले दाँत । अन्न बिना सूने है दिखते , घर में अब तो जाँत । ०१/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- थर-थर कापे होंठ सभी के , कट-कट बोले दाँत । अन्न बिना सूने है दिखते , घर में अब तो जाँत । थर-थर कापे होंठ सभी के ....
Sukhwinder Singh Ahluwalia
Shailesh Hindlekar
शुभ प्रभात 💐 आज उंच उंच हंड्या बांधल्या जातील, थर लावले जातील, कुणाचा हात पोहोचेल कुणाचा नाही.. आपण तरी वेगळं काय करतो रोज..रोज थर लावतो, रो
ROHAN KUMAR SINGH
🔱# *बाघ* # की # *खाल* # आसन में धारे, गले में # *सर्प* # का # *हार सांचे* # थर थर कांपे # *ब्रहमांड* # सारा जब कालो का काल # *कैलाश* # पे ना
ROHAN KUMAR SINGH
🔱# *बाघ* # की # *खाल* # आसन में धारे, गले में # *सर्प* # का # *हार सांचे* # थर थर कांपे # *ब्रहमांड* # सारा जब कालो का काल # *कैलाश* # पे ना