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Anuradha T Gautam 6280

कभी #कोलकाता,कभी #गोवा कभी #अहमदाबाद भागते-भागते ही निकल जाएगा तेरा किरदार अभी तो #भागने को बहुत कुछ है बस वक्त का इंतजार कर..🖊️ ‌‌ 😄

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कभी #कोलकाता,कभी #गोवा
कभी #अहमदाबाद भागते-भागते 
ही निकल जाएगा तेरा किरदार 
अभी तो #भागने को बहुत कुछ है 
बस वक्त का इंतजार कर..🖊️
 😄#झूठ_पर_झूठ😄

       #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️
       👏#तानाशाही_Vg👏

©Anuradha T Gautam 6280 कभी #कोलकाता,कभी #गोवा
कभी #अहमदाबाद भागते-भागते 
ही निकल जाएगा तेरा किरदार 
अभी तो #भागने को बहुत कुछ है 
बस वक्त का इंतजार कर..🖊️
 ‌‌    😄

unique writer

गुणों से पहचान

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Lalit Saxena

#Book दिल से

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Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं
तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है
जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा
बेताब करते है।।।।।
गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते
..............तो क्या मैं लिखता?
कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार
कलम कही पड़ी होती किसी कोने में
और कागज़ हवा में उड़ रहे होते
कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना
डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते।
मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!!

©Lalit Saxena #Book दिल से

Parasram Arora

जिंदगी से गुफ़्तगू

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Unsplash जिंदगी को अपना समझ 
कर मैंने उससे गुफफ़्तगू  
करली और बहूत
सारे अपने राज़ भी
उससे  साझा कर लिए
 
अब पछता रहा हूँ कि
 कही वो मेरे राज़ 
सबकेसामने उगल न दे  
काश जिंदगी मेरी  बहरी होती

©Parasram Arora जिंदगी से गुफ़्तगू

Ajay Tanwar Mehrana

अंतर बीच हमारे poetry on love

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मानने और जानने में फरक होता है ,
अंधविश्वास भी एक नरक होता है !
हमारे बीच बस अंतर है इतना कि -
आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है !

पहचानने और चाहने में फरक होता है
एक तरफा प्यार भी नरक होता है ,
हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि
हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं !
.

©Ajay Tanwar Mehrana अंतर बीच हमारे  poetry on love

Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi

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White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा 
              मन से ही तो होता है।
मन के ऐसे हालातों का
              मन खुद आप विजेता है।।
मन में ठान लिया सरिता को
             सागर से मिलवाता है।
निरुद्देश्य नालों में बहता
             जल बस सड़ता जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi

Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry

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White सबसे बड़ी  विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। 
मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।।

अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत।
  खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।।

अंतर  के  गृह - युद्ध  से, बल-मद  टूटा जाय।
  हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।।

©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध  hindi poetry

Matangi Upadhyay( चिंका )

एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Hindi

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वो पुरुष कभी प्रेम की पवित्रता को समझ नहीं सकते 
जो स्त्रियों को भोग की वस्तु समझते है 
जो दैहिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए 
प्रेम करने का नाटक करते है 
वो ताउम्र बस देह तक रह जाते है 
कभी स्त्रियों के अंतर्मन तक पहुँच पाना संभव ही नहीं उनसे..

©Matangi Upadhyay( चिंका ) एक स्त्री का अंतर मन 🤔
#matangiupadhyay #Nojoto #Hindi

Shishpal Chauhan

#मेरी लेखनी से

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White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ ।
कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ ।
लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया
यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ ,
तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ ।
तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ,
मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है 
मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ ।
अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं
मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया
सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ ,
लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है  मेरी नींद हराम करने वाली
बेकार में ही दिल की धड़कन  बढ़ा लिया करता हूँ।
तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं 
तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ,
तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ।
मैं तुमसे मिलने से पहले  एक बेजान-सा पुतला था
तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम।
पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ,
जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है 
तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी 
तुम से जुदा न हो पाऊँगा  बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ।
कितने लोग आए और कितने चले गए 
कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए
सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ,
कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं 
वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं  शायद मैं भी उनमें से एक हूँ 
अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ।
प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है 
उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ,
प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है 
अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ ।
लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।।

©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से

unique writer

खुद से दोस्ती

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