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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat नश्वर संसार पदचिन्हों को राहगीरों को कोन रोक पाया हैं अस्तिव ख़ुद का ख़ुद में गड़ा लेना लहरों का पानी भी कहा मिटा पाया हैं #realityoflife #reality #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat नश्वर संसार पदचिन्हों को राहगीरों को कोन रोक पाया हैं अस
M Shubham
सामने मुसीबतों का पहाड़ पड़ा था , इस पार मै दुनिया भर का मजाक बना था !! खुद पे भरोसे का स्वाभिमान पड़ा था , आखिर में ..... पहाड़ के शिखर पे मेरा विजयी झंडा गड़ा था .. #सामने #मुसीबतों का #पहाड़ पड़ा था , इस पार मै #दुनिया भर का #मजाक बना था !! #खुद पे #भरोसे का #स्वाभिमान पड़ा था , #आखिर में ..... #पहाड़ क
Abhishek 'रैबारि' Gairola
पंजाब की मिट्टी में गड़ा हुआ है सर्द हवा से घिरा हुआ एक कस्बा है जिसका नाम ऐसा गडमड कि बिना मदहोश हुए ही ज़बान लड़खड़ा जाए लेने में। किसी भी चीज़ की कमी नहीं रखी थी उसने हमें देने में साथ ही और भी बहुत कुछ समेटे हुए जिसे देखने, महसूस करने के लिए ताक़तवर दूरबीन नुमा नज़रिये की दरकार है। ©Abhishek 'रैबारि' Gairola पंजाब की मिट्टी में गड़ा हुआ है सर्द हवा से घिरा हुआ एक कस्बा है जिसका नाम ऐसा गडमड कि बिना मदहोश हुए ही ज़बान लड़खड़ा जाए लेने में। किसी भी
Shivank Shyamal
माटी में ज्यादा नीचे नहीं गड़ा है शहीद जवान। कब्र में दफ़न होकर भी खड़ा है शहीद जवान।। नसीब वालों को ही मिलता है कफ़न तिरंगे का। किसी मंदिर की मूरत से बड़ा है शहीद जवान।। ख़ून से जिसने सरहद को भी गुलाल लगाया हो। घर में वही मुफलिसी से लड़ा है शहीद जवान।। अन्तिम सांस तक जीवित रखा तिरंगे को उसने। ख़ुद अकेले यमराज से अड़ा है शहीद जवान ।। Shivank Srivastava 'Shyamal' माटी में ज्यादा नीचे नहीं गड़ा है शहीद जवान। कब्र में दफ़न होकर भी खड़ा है शहीद जवान।। नसीब वालों को ही मिलता है कफ़न तिरंगे का। किसी मंदिर
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat शायरी लिखने के लिए दिल चाहिए कुछ टूटा हुआ कुछ जुदा हुआ कुछ सिला हुआ कुछ गुथा हुआ कुछ मिला हुआ कुछ खींचा हुआ कुछ कसां हुआ कुछ फंसा हुआ कुछ दबा हुआ कुछ धंसा हुआ कुछ मसला हुआ कुछ फबता हुआ कुछ गहरा हुआ कुछ गड़ा हुआ कुछ सिसकता हुआ कुछ फिसलता हुआ कुछ देखता हुआ कुछ कहता हुआ दिल ही तो है, पर दिल वहीं जो समझता हो बस दिल बस दिल वहीं चाहिए #cinemagraph #dilkibaat #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat शायरी लिखने के लिए दिल चाहिए कुछ टूटा हुआ कुछ जुदा हुआ
Mo k sh K an
Mayank Sharma
आज भले तुम छोटे हो कल का थोड़ा बड़ा तो सोचो अपनी उस एक लक्ष्य के ऊपर नजरें फिर तुम गड़ा के सोचो! झोली खुद ही भर जायेगी दान से बदले ज्ञान का सोचो दुआ सलाम सब लेते जा तू अगल बगल के इंसान का सोचो! अपनी मिट्टी से तू जुड़ा रहे बस अभिमान से हट के सम्मान का सोचो कर्म किये जा और बढ़ते जा भगवान से पहले अपने काम का सोचो! जाँच परख के हर चीज को समझो उसके पीछे छुपे विज्ञान का सोचो भाग दौड़ सिर्फ नहीं है जीवन स्थिरता से तुम ध्यान का सोचो! भूखा कभी ना रहने पाये घर आये मेहमान का सोचो मदद को तत्पर रहे तू पिछले लिये एहसान का सोचो! दान धर्म में लीन रहे जो ऐसे सेठ धनवान का सोचो अंत समय जब निकट लगे जब माला जपते भगवान का सोचो! नीचे भी पढ़ सकते हैं सोच आज भले तुम छोटे हो कल का थोड़ा बड़ा तो सोचो अपनी उस एक लक्ष्य के ऊपर नजरें फिर तुम गड़ा के सोचो!
Sangeeta Patidar
कुछ रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते हैं, क्योंकि वो सरेआम नहीं हुआ करते हैं। बंधे होते हैं जो एहसास की डोर से सदा, ऐसे रिश्ते होकर भी नहीं हुआ करते हैं।। अंजाम का डर नहीं, यह दिल से जुड़ा है, रुसवाई का गम नहीं, यह दर्द से गड़ा है, गूंथें होते हैं जो जज़्बात के तार से सदा, ऐसे रिश्ते होकर भी नहीं हुआ करते हैं, कुछ रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते... ।। अक्सर उम्मीदें इन्हें जोड़ती, तोड़ती नहीं, साथ चल कर भी, राहें कहीं जुड़ती नहीं। सींचते हैं जिन्हें भरोसे की फुहार से सदा, ऐसे रिश्ते होकर भी नहीं हुआ करते हैं, कुछ रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते... ।। ज़माने से बेख़बर, झगड़ा पल दो पल का, रूठना-मनाना, फिर समझाना दो पल का। इठलातें हैं जो लम्हें, एक मनुहार से सदा, ऐसे रिश्ते होकर भी नहीं हुआ करते हैं, कुछ रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते.. ।। कुछ रिश्तों के नाम नहीं हुआ करते हैं, क्योंकि वो सरेआम नहीं हुआ करते हैं। बंधे होते हैं जो एहसास की डोर से सदा, ऐसे रिश्ते होकर भी नहीं हु
Neha Pant Nupur
पढ़ना पड़ेगा साहब ...... ©Neha Pant Nupur #कामवालियां गुड़िया सुनो कल से मत आना कुछ दिन तक । पैसे थमाते हुए मैंने कहा । हां दीदी टीवी में कह रहे कि फिर से लॉकडॉउन लगने वाला है । पर
यादों की यादें
शीर्षक -- " इतिहास के क्षितिज में विलीन कविता" (अनुशीर्षक पढ़े कृपया) (Read Caption plz) ©यादों की यादें शीर्षक -- " इतिहास के क्षितिज में विलीन कविता" *कविता समुद्र नहीं जिसपे जहाज़ लंगर डाल ले.... *कविता किसी पेड़ से अलग हुआ पत्ता नहीं जिसे