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बादल सिंह 'कलमगार'

कितना अच्छा था सफ़र पाव का।। #badalsinghkalamgar Poetry Life #हिंदी #thought Ritu Tyagi Arshad Siddiqui Mysterious Soul ... Mamta #कविता #शुन्य

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ਸੀਰਿਯਸ jatt

भाभी जी उसी हाथ सी गांड खुजाती हैं ! उसी हाथ से टट्टी लगे हुए बड़ा पाव ग्राहक को देती हैं😂 माँ चोद दी बड़ा पाव की! Or ye kya hota hain Bad #Memes

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ਸੀਰਿਯਸ jatt

Good Job 💯 I appreciate it Baap ko aisa hi hona chahiye...Woh kahawat suni hain पुट के पाव पालने में नज़र आ जाते है! sahi kiya Maar diya saa #Memes

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Dt Sapna Nova

#tereliye "लड़कपन" तेरा पता पूछते हैं, ये सारे डगर मुझसे, गुमसुम सी पनघट , पूछे तेरा हाल जैसे, दबे पाव यूं छुप के जाना, एकटक तेरा #Love

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

काँव-काँव लड़ रहे , हल न निकल रहे , जनता की पीर लिए , नेता परेशान है । नित यही भाषण हो , फिर भी तो शोषण हो , कहतें है डरो नही , अनुसंधान है । #कविता

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मनहरण घनाक्षरी :-
काँव-काँव लड़ रहे , हल न निकल रहे ,
जनता की पीर लिए , नेता परेशान है ।
नित यही भाषण हो , फिर भी तो शोषण हो ,
कहतें है डरो नही , अनुसंधान है ।
आज सत्तर साल में ,  बिजली पानी गाँव में ,
देते आए नेता सब , जनता हैरान है ।
आया फिर चुनाव है ,  खोजत नेता ठाँव है ,
जनता भी पूछे अब , कैसा मतदान है ।।१

बोलते डालर उठा, पैसा क्यों है नीचे गिरा ,
बोरो में भरकर वे , करते सवाल है ।
धंधा खूब चल रहा , मजदूर नित मर रहा ,
रोता है किसान अब , कहते बवाल है ।
किसानो के हितकारी ,देखो सब सत्ताधरी,
फिर भी उसका हक , करे इस्तेमाल है ।
आज नही पास कोई , पूछे नही हाल कोई,
बच्चे भूखे सब अब , घर में न दाल है ।।२

श्रामिक किसान सभी , देखे नही घर कभी ,
हल जोठ कस्सी लिए , बैठे धूप छाँव में ।
शहर न जाए कभी , सूखी रोटी खाए सभी,
रहे परिवार संग , अपने ही गाँव में ।
करोगे मदद थोड़ी , दोगे बैल एक जोड़ी ,
औ अपने आनाज का , स्वयं करुँ भाव में ।
अन्नदाता नाम नही , झूठे दो मुकाम नही ,
मैं भी अब खड़ा रहूँ , चाहूँ ऐसे पाव में ।।३

१७/०८ २०२३    -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR काँव-काँव लड़ रहे , हल न निकल रहे ,
जनता की पीर लिए , नेता परेशान है ।
नित यही भाषण हो , फिर भी तो शोषण हो ,
कहतें है डरो नही , अनुसंधान है ।

Ramjeet647

जहा पाव में पायलट्रेंडिंग #समाज

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Aslam Khaan

पाव बांध देती है घर की #शायरी

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Vedantika

♥️ आइए लिखते हैं मुहावरेवालीरचना_458 👉 डेढ़ पाव आटा पुल पर रसोई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़ी पूँजी पर झूठा दिखावा करना। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइ

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डेढ़ पाव आटा पुल पर रसोई।
इस दिखावे के चक्कर में अपनी
इज्जत भी खोई। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_458

👉 डेढ़ पाव आटा पुल पर रसोई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़ी पूँजी पर झूठा दिखावा करना।

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइ

Technocrat Sanam

पाव भर प्यार.. 😱💕💞🤩😱 munasib paav_bhar_pyar saza dil love life lovelife lovequotes

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सुनो जो भी मुनासिब लगे सज़ा दो तुम, 
मग़र दिल का नजारा, आँखों से दिखा दो तुम। 
मैं छोड़ दूँगा सनम' ये आशिकी वाशिकी, 
बस भाव छोड़ ज़रा पाव भर प्यार जता दो तुम।।  पाव भर प्यार.. 😱💕💞🤩😱

#munasib
#paav_bhar_pyar
#saza
#dil #love #life #lovelife
#lovequotes

Meera Ali

मुझमें कुछ कमी सी है, ये खालीपन अब अपना सा लगता है, अमृता की कविताओं में मैं अब इमरोज़ को भी नहीं ढूंढती। इस गम ए ग़ालिब में मैं दिल्ली हो ज

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मुझमें कुछ कमी सी है,
ये खालीपन अब अपना सा लगता है।
अमृता की कविताओं में
मैं अब इमरोज़ को भी नहीं ढूंढती।
इस गम-ए-ग़ालिब में
मैं दिल्ली हो जाती हूं,
लोगो को भीड़ में 
मैं खुद से मिल जाती हूं।

(शीर्षक पढ़े) मुझमें कुछ कमी सी है,
ये खालीपन अब अपना सा लगता है,
अमृता की कविताओं में
मैं अब इमरोज़ को भी नहीं ढूंढती।
इस गम ए ग़ालिब में
मैं दिल्ली हो ज
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