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Stories related to बोल्यो रे धरती रात में

Parasram Arora

विरह क़ी रात

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White विरह क़ी रात तों जैसे  तैसे किसी तरह 
गुज़र ही जायेगी 

पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि 
मै रात भर सोया नहीं था

©Parasram Arora विरह क़ी रात

Shubham Bhardwaj

White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं।
इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।।

©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम

Dr.Priyanka Chandra

#Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

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हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी
हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

©Dr.Priyanka Chandra #Happy  love
हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी
हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

Anuj Ray

# धरती पे स्वर्ग"

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White धरती पे स्वर्ग की कल्पना को, अपनी 
आंखों से साकार होते देखने का मन करे, 

शिशिर ऋतु के शुरुआती दौर में, पहाड़ 
पर्वत की बर्फीली वादियों का भ्रमण करें।

©Anuj Ray # धरती पे स्वर्ग"

Jitendra Giri Hindu

रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'

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चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है,
दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है?
कह न पाया, आंखों का ये हाल,
मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल।

हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती,
भीतर के आँसू हवाओं में बहती।
ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें,
उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें।

सवालों के घेरे, जवाबों का डर,
दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर।
हंसी के सुरों में रुदन की कहानी,
हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी।

चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी,
क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली?
दिल ने बस धीरे से इतना बताया,
"मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।"

©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt  'दर्द भरी शायरी'

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Tej Pratap

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता है।
हमें तो बादलों से झांकता चांद ,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap #रात #चांद #Quote

Praveen Jain "पल्लव"

#BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से

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पल्लव की डायरी
धरती रौंदी वाहनों से
आसमान गैसों से प्रदूषित है
कई प्रजातियां लुप्पत हो गयी
मानव की लोलुपता से
वन्य और चरवाह भूमि
हाइवे खा गये
रप्तार विकास की बढ़ाने में
डीजल पेट्रोल आसमान चढ़ गया
हिस्सा कमाई का खाता है
इसलिये साइकिल तक सीमित हो जाओ
वर्ना खतरे के सिंगल बढ़ने वाले है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से

नवनीत ठाकुर

#रात में महताब

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उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा,
खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे।

चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई,
सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे।

वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया,
रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे।

उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला,
हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे।

नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया,
हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे।

वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है,
धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे।

उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर,
फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे।

©नवनीत ठाकुर #रात में महताब
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