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Stories related to robyn davidson books

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Heer

#Books #Poetry

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किताबें 
बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, 
सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, 
अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। 

जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है
 computer के साथ में, 
देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, 
उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। 

जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी
न खत्म होती थी, 
वो झलक अब नजर कही आती नही, 
रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। 

जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, 
अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, 
बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। 

किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए 
गुजरते थी जो रातें, 
कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, 
कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे,
सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून
Robot के इस जहान में।

©Heer #Books

its_sukh3337

#Books #booklover

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daisykavi

#Books

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daisykavi

எம் நூலகபணிக்கு நன்றி.
எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான்

©daisykavi #Books

Aakansha shukla

#Books हिंदी कविता

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शीर्षक:- किताब का नशा

नशा, तुम किताब का कर लो ।
कुछ पढ़ लो या कुछ लिख लो।

साहित्य पढ़ो, इतिहास पढ़ो,
थोड़ा तुम गणित पढ़ लो।

भूगोल पढ़ो, अर्थशास्त्र पढ़ो,
थोड़ा तुम विज्ञान पढ़ लो।

जो पढ़ने में मन ना लगे,
लिखना तुम प्रारंभ कर लो।

साहित्य लिखो, नया इतिहास लिखो,
कभी अपने दिल की बात लिखो।

समाज की बढ़ती कुरितिया लिखो,
सफलता पाने का तुम मार्ग लिखो।

©Aakansha shukla #Books  हिंदी कविता

Navash2411

mereshabd.1

#Books # life #कोट्स

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Rohit

shxshu

संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages

#Books

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उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः !
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !!

हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता.

©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #Books
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