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Anuj Ray
White प्यार किया घर बार बसाया, तन मन धन सब उन पे लुटाया। एक-एक करके छोड़ गए सब रे मानस, ये मन समझा ना पाया। अपना अपना कहते हैं सब, कौन है अपना कौन पराया। ©Anuj Ray # कौन है अपना कौन पराया"
Anjuu
White बेनाम_सी मोहब्बत पहले, फिर बेनाम_सी बंदगी बेनाम_से अरमान सारे अब बेनाम_सी ये ज़िंदगी ©Anjuu #safar कोई तुमसे पूछे कौन थी मैं? कह देना "अतीत"।
balu singh parihar
जिंदगी में सबको अपना बनाने की ज़िद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया ©balu singh parihar सबको अपना बनाने की जिद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया
i_m_charlie...
White मैं नही जानता की मैं कौन हूं? . . मैं नही जानता की मैं कौन हूं? हवा का रुख हु या दर्दे दिल का सुकून हू, रातों में फैली चांदनी का नूर हू या धूप में छाव का सुकून हूं, कब में खुदसे खुश रहता हु, कब में खुद से खफा ये भी में नही जानता हु, में नही जानता की में कौन हूं? पर जो भी हूं एक अलग सा एहसास हूं जो समझ में नहीं आता पर मुझे समझना उतना भी मुश्किल नहीं है, में नही जानता की में कौन हूं? ©i_m_charlie... #SAD में नही जानता की में कौन हूं?
मुसाफिर
चांद को मैंने, मुझे छोड़ जाते देखा । इन हवाओं को भी मुझे तोड़ जाते देखा। कहीं कुछ तो था अपना, उसे भी गुम होते देखा। ©मुसाफिर #कौन
Praveen Jain "पल्लव"
76th Mahatma Gandhi Punyatithi पल्लव की डायरी डरे हुये हम सब बाबा सब कुछ अब मिट जाना है चौखट लोकतंत्र की घायल करके सियासी पैतरे वादी करते है लूट रहे है भर भर कर जनता को दहशत पैदा करते भारी है वोट करना अब बेमानी हो गया चार सौ पार करने के लिये एजेंसियों का इस्तेमाल जारी है गाँधी के दर्शन को मिटाकर फांसीवादी ताकत हावी है अहिँसा की ताकत नैतिकता थी जिसमे हर कौम भाषा जीवित रहती थी वोटो की ताकत दम तोड़ती फजीहत लोकतंत्र की होती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #76thMahatmaGandhiPunyatithi अहिंसा की ताकत नैतिकता थी #nojotohindi
Ganesh Din Pal
पहली मुलाकात में लगा तुम ही दुनिया हो पर अब पता चला कि तुम भी दुनिया हो ©Ganesh Din Pal #कौन दुनिया
Rameshkumar Mehra Mehra
ये फैसला था..... खुदा का या साज़िश थी ,जमाने की...! दूर हम तुमसे उतना हो गए....!! जितना कोशिश की थी...!!! तुम्हारे पास आने की.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # ये फैसला था,खुदा का या साजिश थी,जमाने की,दूर हम तुमसे उतना हो गए,जितना कोशिश की थी,तुम्हारे पास आने की.....