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Prakash writer05
बस एक लहर आने तक चलेगी कहानी मेरी !! मै,समुंदर किनारे की रेत पर लिखा एक नाम हूंँ !! ©Prakash writer05 बस एक लहर आने तक चलेगी कहानी मेरी !! मै,समुंदर किनारे की रेत पर लिखा एक नाम हूंँ !! मोटिवेशनल कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स
बस एक लहर आने तक चलेगी कहानी मेरी !! मै,समुंदर किनारे की रेत पर लिखा एक नाम हूंँ !! मोटिवेशनल कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White पर्दे में कहां पता चलता है किसकी कैसी है फितरत आंखों से जो वार करें वो हुस्न के जाल में फंस जाते है ©Nitu Singh जज़्बातदिलके पर्दे में कहां पता चलता है किसकी कैसी है फितरत आंखों से जो वार करें वो हुस्न के जाल में फंस जाते है @Nitu Singh जज़्बातदिलके @singhnit
पर्दे में कहां पता चलता है किसकी कैसी है फितरत आंखों से जो वार करें वो हुस्न के जाल में फंस जाते है @Nitu Singh जज़्बातदिलके @singhnit
read moreAnamika Raj
White कड़वा है पर सच है लोग आपके बारे में कुछ अच्छा सुनते हैं तो शक करते हैं लेकिन कुछ बुरा सुनते हैं तो एकदम से यकिन कर लेते हैं! ©Anamika Raj कड़वा है पर सच है
कड़वा है पर सच है
read moredilkibaatwithamit
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं ईश्वर का वास है। तुम्हारे लिए मेरा प्रेम सांसारिक नहीं आत्मिक है। इस प्रेम की अनुभूति नैसर्गिक है, अलौकिक है, अद्भुत है।मेरा ये प्रेम पवित्र है, बिल्कुल तुम्हारी आत्मिक मुस्कान की तरह..!! ©dilkibaatwithamit सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
read moreवरुण तिवारी
सर्द रातों की हवाओं ने सताया इस तरह। मैं ठिठुरता रह गया बिस्तर कंटीले हो गए॥ बर्फ से कुछ बात करती चल रही थी ये हवाएं, फिर अचानक सायं से कम्बल के अंदर आ गई। पांव को कितना सिकोड़ूं पांव बाहर ही रहा, अवसर मिला ये फेफड़ों से जाने' कब टकरा गई॥ खाँसियां रुकती नहीं सब अंग ढीले हो गए। कपकपाती ठंड में फैशन हमारा था चरम पर कान के दरवाजों से ये वायु घुसती ही गई। सनसनाती घुस चुकी थी कुछ हवाएं इस बदन में मेरे तन की हड्डियां हर पल अकड़ती ही गई॥ पूस की इस रात सब मंजर रंगीले हो गए। कर्ण में धारण किए श्रुति यंत्र को घर की तरफ, ठंड से छुपते छुपाते गीत सुनते जा रहे थे। पेट में मेरे अचानक दर्द ने आहट दिया, साथ ही संगीत सारे सुर में सहसा बज उठे थे॥ अंततः चुपके से' अंतर्वस्त्र पीले हो गए॥ ©वरुण तिवारी #snow हास्य रचना
#snow हास्य रचना
read moreGhumnam Gautam
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset रेत पर लिखा था पर मिटा उसे लहर गई फिर तो मैंने हर लहर पे नाम तेरा लिख दिया ©Ghumnam Gautam #SunSet #रेत #लहर #नाम #तेरा_नाम #ghumnamgautam
ranjit Kumar rathour
मै ऐसा भी नहीं था ये बात बिल्कुल सही था क्या पता वों जादूगरनी थी या उसे आता जादू था इलज़ाम उसे दूँ मेरा इरादा ऐसा नहीं था खुद को जनता मै था खता हमसे हुईं होगी मगर कब हुईं पता नहीं था ©ranjit Kumar rathour खता किसकी
खता किसकी
read moreHimanshu Prajapati
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जहां नाव भी अपना रास्ता बदल लेता है, बस वैसा ही लहर हूं मैं, अपनों के लिए जादूगर दुश्मनों के लिए कहर हूं मैं..! ©Himanshu Prajapati #SunSet जहां नाव भी अपना रास्ता बदल लेता है, बस वैसा ही लहर हूं मैं, अपनों के लिए जादूगर दुश्मनों के लिए कहर हूं मैं..! #36gyan #hpstrange
#SunSet जहां नाव भी अपना रास्ता बदल लेता है, बस वैसा ही लहर हूं मैं, अपनों के लिए जादूगर दुश्मनों के लिए कहर हूं मैं..! #36gyan #hpstrange
read morepriyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
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