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Shweta Mairav
मिथिला की मैथिली सुनयना सुता सीता जनक नंदिनी जानकी विदेह की वैदेही वसुधा कुमारी वसुंधरा भौमी, भूमिजा, धरा की धैर्य मंगल देव की बहन मंगल करनी उर्मिला, मांडवी, श्रुतकृति की सहेली भद्र काली शहस्त्र रावण मर्दनी हम सबकी सीता दीदी राम की सिया राघव की मैथिली रघुनंदन की सीते विदुषी, योद्धा, आयुर्वेद की ज्ञाता कोटि गुणों की खान को प्रणाम पवित्रता की पराकाष्ठा स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति श्री सीता को बारंबार प्रणाम ©Shweta Mairav #सीता #सीतानावमी #सिया #सीताराम #जानकी #mairav #mairavkidiary #बिहार
Anupam Mishra
सीता का हरण जब दुष्टता वश हुआ क्यों सीता ने रावण का सामना वीरता वश ना किया? क्या राम लक्ष्मण के चले जाने से मां की अपनी शक्ति क्षिण्ण हो गई? क्या मां पुष्पक विमान को ध्वस्त ना कर पाई? क्यों इतनी आसानी से मां हार मान गईं? क्यूं वो आंखें मूंदे बस राम का नाम जपती रहीं क्या वो स्वयं उसका सामना करने में सक्षम न थीं? राम के इंतजार में मां बस जप करती रहीं क्यों ना वीरांगना बनकर जूझ पड़ीं अग्नि परीक्षा में जो मां सफल रहीं उन्हें बजरंगबली की क्या ज़रूरत पड़ी, क्या वो स्वयं लंका दाह को पर्याप्त न थीं? राम ने लंका आकार रावण का वध किया क्या मां सीता की ज्वाला रावण को न जला सकीं? क्यूं, क्यूं आखिर हर बार सीता राम का इंतजार करे क्यूं ना वो खुद को रावण से जूझने को तैयार करे! © अनुपम मिश्र ©Anupam Mishra #सीता #राम #सीताराम #रामायण #Dussehra2020
Vivek Sharma Bhardwaj
है एक नगरी आप यहीं जो जन्मभूमि है राम की, जो कर्मभूमि है श्री राम भक्त हनुमान की... है सरयू के तट पर पूरी नगरी बस राम राम ही गाती है विरह वियोग में राम के, व्यथा! बिछड़े राम को ही सुनाती है... ये चौदह वर्ष बीतेंगे तुम बिन कैसे, तुम ही हमें बताओ ना, जा रहे वनवास भार्या, अनुज, संग हमको भी ले जाओ ना।।2।। ले आलिंगन में कइयों को, आंखों में आसूं लिए राम छोड़ सभी को जाते हैं, दिया वचन पिता ने मां को ये सबको बतलाते है... इस विरह के वियोग में सब राम राम ही गाते हैं.।।2।। वनवास की ओर है अब चले राम, पिता के वचन का रखने मान, हाथों में लेकर हाथ सिया का, कर रहे हैं अब प्रस्थान राम... वन में आए राम, तोड़ी अहिल्या की प्रतीक्षा! धर्म को आधार दिया, शबरी के जूठे बेरों को खाकर, हरी ने उसको तार दिया... हुई एक भीषण घटना माता सीता का अपहरण हुआ, रूदन, कृंदन करते राम, वन से वन भटकते राम, हनुमान से मिलन हुआ, बाली का वध किए हैं राम, सुग्रीव सहित वानर लिए, सिया को खोजन चले हैं राम, सीता से मिलन को समुंद्र को भी पार किया, लड़ा रावण से युद्ध भीषण, पूरे कुल ही संहार किया... लिए सिया को चले अवध हैं, आशा ताकत हैं अवध के वासी, हर द्वार पर दीपक जलाए राम आस में भरमाती है, सरयू के तट पर एक नगरी बस राम राम! दोहराती है। बस राम राम! दोहराती है।।2।। ©Vivek Sharma Bhardwaj #दिवाली #दीपावली #राम #सीता #सीताराम #NojotoRamleela
Kavi Vikash Shukla
पावन पुनीत नीर सी गागर हैं जानकी याने के पाप पुण्य का अंतर हैं जानकी मानो तो राम से कहीं बेहतर हैं जानकी जो राम हैं सवाल तो उत्तर है जानकी ©Vikash shukla 'वाकिफ़' #सीता_अष्टमी
Vandana tripathi
आज ही किसी शैम्पू का ऐड देखा जिसमें, बेटी स्कूल से घर लौटती है तो उसके उलझे बालों को देखकर माँ कारण पूछती है, तो बेटी कहती है कि, 'स्कूल बस में बॉयज ने तंग किया उसे'..फ़िर माँ ने शैम्पू का उदाहरण दिया कि तुम्हारे बाल शैम्पू के कारण स्ट्रॉन्ग हैं, तो अपने बालों की ही तरह स्ट्रॉन्ग रहो, और डरो मत.. अब ये तो थी ऐड की बात..मैं तो कहता हूँ कि माँ को कहना चाहिए, कि कोई भी ऐसा करे न कभी तो पलटकर एक ढंग से मुक्का जड़ देना चाहिए मुँह पर..और वो भी पूरी हिम्मत से बिना सोचे..जब तक बेटियों को चंडी बनना नहीं सिखायेंगे न, तब तक उन्हें सीता की ही तरह प्रताड़ित किया जाता रहेगा, और ऐसा नहीं होना चाहिए.. जिस सीता का अपहरण होना था वो हो चुका, जिस सीता को अग्नि-परीक्षा से गुज़रना था वो गुज़र चुकी, जिस सीता को राम द्वारा एक धोबी के कहने भर से त्यागा जाना था वो हो चुका, जिस सीता को भरी हुई राम-सभा में धरती में समाना था वो भी हो ही चुका..और राम भी काहे के ईश्वर जब उनकी अपनी अर्द्धांगिनी को अग्नि से गुज़रकर भी अंततः धरती में ही समाना पड़ा.. अब अपनी बेटियों को सीता मत बनाइए, उन्हें चंडी बनाइये और करने दीजिए उन्हें, उड़ने दीजिए जैसे वो चाहती हैं, और कोई कुछ कहे ग़लत तो पलटकर उल्टा कहना सिखाइए, कोई हाथ लगाए तो हाथ तोड़ देना सिखाइए, कोई ग़लती करे तो ढंग से कूट देना भी सिखाइए.. कि जब तक बेटियाँ चंडी नहीं बनेंगी न, तब तक ऐसे असुर सुधरेंगे भी नहीं. ❤️ #सीताचंडी#
Sangam Ki Sargam
माता सीता पर लाँछन लगना एक घटना नहीं थी बल्कि वो आज के युग में महिलाओं के लिए दी गयी एक सीख है। जिसे भगवान ने स्वयं खुद पर बिताकर पेश किया। आज हमारे समाज में स्त्रियों के साथ यही होता है,जरा सा किसी पुरूष के साथ बात करली या बैठ गयी तो उन्हें चरित्रहीन बता दिया जाता है। #सीतामाता