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Parasram Arora
White सब कुछ मैंने करके देख लिया लेकिन उस पार ख़ामोशी क़ी हवा बहती रहीं दर्द खुद ही. अपनी परिधि लाँघता गया टुकुर टुकुर मेरी आँखे इस पार से देखती रही ©Parasram Arora इस अर उस पार
इस अर उस पार
read moreTAHIR CHAUHAN
White लहरों को मोड़ने का हुनर ला हाथ में। तिनका भी बह लेता है लहरों के साथ में। परवाने भी शमा पर तभी जान लुटाते है। जलती है जब कहीं तन्हा अकेली रात में। ताहिर।।। ©TAHIR CHAUHAN #motivational#thoughts#in#hindi#लहरों#मोड़ने#का#हुनर
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read moreलेखक 01Chauhan1
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है ©लेखक 01Chauhan1 कभी कभी
कभी कभी
read moreKavi Himanshu Pandey
जख्मों को पीना आ गया जिसे ज़िंदगी में, समझो हो गया आर पार, क्रोध, द्वेष के विकारों को जिसने दिखा दी औकात, तो हो गयी नय्या पार! ...... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey नैया पार... #beingoriginal #NojotoHindi
नैया पार... #beingoriginal Hindi
read moreSatish Kumar Meena
सीमा पार से प्रेम की हिलोरें उठना दो दिलों में दंश झेल पाने का अनुभव है, उम्मीदें तार तार हो जाती है अगर उम्मीदें कायम रखी हों। ©Satish Kumar Meena सीमा पार प्रेम
सीमा पार प्रेम
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली .... कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते... कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं.. कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..
सहेली... कभी-कभी..लाला..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
read moreF M POETRY
White कभी तुम्हारी ही यादों से दिल धड़कता था.. कि अब तुम्हारी ही यादों से जान जाती है.. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #कभी तुम्हारी ही यादो से.....
#कभी तुम्हारी ही यादो से.....
read moreVinod Mishra