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theABHAYSINGH_BIPIN
White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है। कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़, सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है। सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी, बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है। वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है, जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है। हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी, गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है। याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं, वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है, कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की, वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है। तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल
#good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल
read moreJayesh gulati
Unsplash करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं ।। पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की । सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम। रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो, हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम। जब दिलरुबा तुम मेरी ही हो, नज़रों से क्यों ना इशारे करते तुम। मेरी हर खुशी से जुड़े हो जो, फिर मुलाक़ात क्यों ना करते तुम। तुम्हें पता है, तुमसे मोहब्बत है, फिर मुझपर ऐतबार क्यों ना करते तुम। माना कि दुनिया साथ नहीं देती, लेकिन खुद को क्यों हार मानते तुम। दिल की बातें जो तुम समझते हो, अपने जज़्बात क्यों छुपाते तुम। तुम मेरे जहां का हिस्सा हो, फिर करीब आकर क्यों ना रहते तुम। बंदिशें तोड़ने का हौसला रखो, इस दिल के अरमान क्यों रोकते तुम। जिंदगी संग गुजारने का ख्वाब है, फिर साथ में क्यों ना चलते तुम। दुनिया के डर को भूलो ज़रा, अपने सपनों को उड़ान क्यों ना देते तुम। सिर्फ तुम्हारा ही नाम है लबों पर, फिर मेरा हिस्सा क्यों ना बनते तुम। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_quotes यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम। रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो, हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम।
#sad_quotes यूहीं बात क्यों ना करते तुम, जज़्बात जाहिर क्यों ना करते तुम। रोज़ सपनों में आकर मुस्काते हो, हक़ीक़त में पास क्यों ना आते तुम।
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर रखो, ओझल हो राह तो निहार करो। घबराना मत, ये छोटी सी हैं, संकल्प को हरदम याद करो। खुद के मन को टटोलो तुम, दिल से रोज़ नई बात करो। छोड़ो दुनिया की फ़िज़ूल बातें, सपनों को साकार करो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर र
#Sad_Status अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर र
read moreनवनीत ठाकुर
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़। अपहरण के धंधे अब आम हो गए, अपराधी खुलेआम इनाम हो गए। छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं, इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं। यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत? जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत। ©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
read more#Mr.India
White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है। मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं, खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं। कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा, आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा। हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं, खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं। दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था, आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं। दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं, बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं। चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं, जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!! ©#Mr.India कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
read moreAnjali Singhal
"तेरे ख़्याल में डूबकर, बहता-बहाता बचता-बचाता, मोहब्बत के साहिल पर आकर, बैठ जाता है मेरे मन का शायर। तेज होती साँसों को लहरों सा सुनकर, समु
read moreRaj Pokhriyal
White एक रोज़ मुझे छोड़कर सब जाएंगे, एक रोज़ मैं सबको छोड़ जाऊँगा। वो याद करेंगे जाने के बाद ही, मगर जाएंगे भी, याद छोड़कर। ©Raj Pokhriyal एक रोज़ मुझे छोड़कर सब जाएंगे, एक रोज़ मैं सबको छोड़ जाऊँगा। #sad_shayari #Love #Shayari ##poetry #Nojoto #SAD #Hindi #writer दुर्
एक रोज़ मुझे छोड़कर सब जाएंगे, एक रोज़ मैं सबको छोड़ जाऊँगा। #sad_shayari Love Shayari #poetry #SAD #Hindi #writer दुर्
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