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STRK
White कुछ इस तरह की आशिक़ी, उनकी हमारे साथ थी, कि हमीं थे मालिक जगह के, और किरायेदार भी। कह रहे हो माफ़ करदो, भूल जाओ गलतियाँ, हो कौन? पहचाना नहीं! क्या गलतियों में आप थीं? -Nishant Pandit ©STRK गलतियों में आप थीं?🤔✍️❣️ #लव #ishq #Galti #प्रेम #Dhoka #आशिक़ी #कविता #Shayar #दर्द #love_shayari
Champak
White आयकर में छूट दे दी अब साधन आय का देदो न साहब मर रही आवाम निश दिन ग़रीबी महंगाई बेरोजगारी से शिक्षा स्वास्थ रोजगार संग न्याय देदो न साहब ©Champak #आय #बेरोज़गारी #न्याय #आयकर
dilkibaatwithamit
White मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक गए यूँ ही उम्र सारी गुज़ार दी, यूँ ही ज़िंदगी के सितम सहे कभी नींद में कभी होश में, तू जहाँ मिला तुझे देख कर ना नज़र मिली ना ज़ुबाँ हिली, यूँ ही सर झुका कर गुज़र गए कभी ज़ुल्फ़ पर कभी चश्म पर, कभी तेरे हसीन वुजूद पर जो पसन्द थे मेरी किताब में, वो शेर सारे बिखर गए कभी अर्श पर कभी फ़र्श पर, कभी उन के दर कभी दर बदर ग़म ए आशिक़ी तेरा शुक्रिया, हम कहाँ कहाँ से गुज़र गए..!! ©dilkibaatwithamit मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग
मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक ्26, जनवरी 2025,, वार रविवार समय सुबह पांच बजे ्भाव चित्र ् ््निज विचार ् ््शीर्षक ् ््््हां सीते हा रघुनाथ मर्यादा ही जिंदगी और मौत से बड़ी यात्रा प्रारम्भ और अंत,, अंततः अमिट प्रेम का संविधान होता है ्््् ््् मोहब्बत का भी इन्सानी विधान होता है ् निश्चित ही जिंदगी में एक संविधान होता है, प्रेमी संग प्रेमिकाओं में मानसिक रूप और आपसी समझ और रिश्ते की गहराईयों और अहमियत को तराशना किसी प्रेमी प्रेमिका के, अपने विचार मन और आत्मा के आत्मीय संचरण का , रक्त संचरण से किसी जिंदगी के हीरे मोती लाल बनकर तैयार रहती,, उम्मीद का नजारा देखने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम शब्द से होती है्।। ,,,2,,,, प्रेम का अनंत रुप है वह हर समय हर नागरिक मतदाता का राष्ट्र धर्म संविधान में न्याय में देश में आंखें खोल कर देखें सपनो में ,, खो कर प्यार करने वाले को देशप्रेम देशभक्त वीरभूमि पर , प्राण आहूत करने वाले को शहीद कहां जाता है।। देश का संविधान में न्याय की बारिकियों में मानसिक रूप से, डाक्टर श्री भीमराव अम्बेडकर जी ने शोषित पीड़ित सर्वेहारा वर्ग श्रमिक मजदूर आम आदमी के जनजातीय जीवन शैली पर, अपना विचार देकर कहा कि इस देश में सभी धर्मों में समरुपता है,, एक मिशन है जो धरती पर जिंदगी का एक जीवंत प्रयास ही ,,, आदर्श आचार संहिता दर्शन मन का प्रेम गान राष्ट्र धर्म संविधान देश का रक्त संचरण ही सुन्दर है।। 26जनवरी 1949 को देश का संविधान लागू किया गया है यही सारे भारत प्रजातांत्रिक देश का स्वर्ण मुकुट धारण संविधान है।। ्कवि शैलेंद्र आनंद ् 26 जनवरी दोहजार पच्चीस ् ©Shailendra Anand #GoodMorning मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोहब्बत नामा है प्रेमी और प्रेमिका
#GoodMorning मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोहब्बत नामा है प्रेमी और प्रेमिका
read moreVikas Sahni
White _____बारह_बजे_की_बेचैनी_____ हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट। निराकार होकर भी आनंद जल रहा, हल्का हौसला देती है जिसकी लपट म्हारी महफ़िल लूटेरों से भर गयी है तुम आओ, कष्ट मिटाओ मेरे नटखट! कविता जो दिया है,मुझे मालूम है यह तुम इक और उपहार दो, वह संसार दो, जिसमें लालच न हो, न ही कोई कपट। मेरे माधव मुझको तुम जल्दी जिता दो तुड़वा-तुड़वाकर प्रत्येक घोटाले का घट। यही सोचते-सोचते अब बज चुके हैं एक शुरू हुई बारह-बाईस पे कविता की टेक।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #बारह_बजे_की_बेचैनी हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।
#बारह_बजे_की_बेचैनी हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस वार शनिवार समय सुबह पांच बजे ््भावचित्र ् ््निज विचार ् ््शीर्षक ् ।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,, संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।। राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ्् पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है। श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में, अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर , हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।। माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए , जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।। यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले, संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में, आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर आपसी सहमति बहस में विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में, एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।। । तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो, किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।। तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में, जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।। जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है, वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं। यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,, और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।। यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,, वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है । दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,, सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 25 जनवरी। 2025 ©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि
देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि
read moreTARUN KUMAR VIMAL
White एक जाति और एक धर्म से जुड़ा इंसान कभी अपने साथ न्याय नहीं कर सकता, दुसरो की तो बहुत दूर की बात है ©TARUN KUMAR VIMAL #hindi_diwas एक #जाति और एक #धर्म से जुड़ा #इंसान कभी अपने साथ #न्याय नहीं कर सकता, दुसरो की तो बहुत दूर की #बात है #tarun_kumar_vimal #taru
#hindi_diwas एक #जाति और एक #धर्म से जुड़ा #इंसान कभी अपने साथ #न्याय नहीं कर सकता, दुसरो की तो बहुत दूर की #बात है #tarun_kumar_vimal taru
read moreअदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/DDonmfZMMXJ/?igsh=MXJkaW16dnFxeGxl #हिंदी #पति_पत्नी #तलाक #न्याय अन्
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