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Anuj Ray
White कलेजे की आग" किसी के कलेजे की आग बुझते ही, किसी की रात की चूल्हे की आग जल गई। मिला किसी को कुछ भी नहीं फ़िर भी , दोनों की एक पल के लिए तबियत बहल गई। ©Anuj Ray # कलेजे की आग"
# कलेजे की आग"
read moreAnamika Raj
आग अपने ही लगाते है, जिंदगी मे भी... लाश को भी... ☹️ ©Anamika Raj आग अपने ही लगाते है
आग अपने ही लगाते है
read moreParasram Arora
Unsplash ये अच्छी बात हैँ कि बबुल इस किनारे पर था और आग दूसरे किनारे पर भड़की थीं वरना बाबुल को आग निगल जाती अगर दोनों एक ही किनारे पर रहे होते ©Parasram Arora #library आग और बाबुल
#library आग और बाबुल
read moreKavi Himanshu Pandey
White प्रिय,आग लगाने से मिलेगा क्या, जज़्बातों को भड़काने से मिलेगा क्या, एक बार देखो नज़ारा आग बुझाकर, फ़िर सोचना, तुम्हें मिलेगा क्या! ...... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey आग.. #beingoriginal #NojotoHindi
आग.. #beingoriginal Hindi
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreNina
मैं को मैने... आंसुओं से मैंने मुझको विदा है किया। सुखा कर उन्हे जेब में रुमाल सा सजा लिया। मुस्कुराते हुए मैंने मुझको देख तो लिया, मैं जान न पाया मैंने मुझे दिल था दिया। मैं रोया चमकती आंखों से, नूर बना लिया। मुस्कुराया बुझे अरमानों से, सुख बना लिया। जल उठी वो धरती, वहां मरुस्थल बना लिया। कांटों में फूल खिलाए, नदी से पानी बहा लिया। मैं जाता मुझसे दूर कि सुख से रहना हो लिया। मुझको दूर करना मुझसे ही उचित बना लिया। मैं जान न पाया कब मैंने खुद को शत्रु बना लिया। अजातशत्रु मैने अपना ही प्राण ले लिया।। मेरी दुनिया उजली करने मैने खुद को जला दिया!! ©Nina आग
आग
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White तेरे ओतर् मे ©बेजुबान शायर shivkumar प्यार में तेरे बनने लगी हु गिरने लगी हु संभलने लगी हु तुझे पाना क्या खुद को खोना है चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं ऐ जाना बता
प्यार में तेरे बनने लगी हु गिरने लगी हु संभलने लगी हु तुझे पाना क्या खुद को खोना है चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं ऐ जाना बता
read moreParasram Arora
White तेरी पायल की खनक से मै गहरी नींद मे भी जाग जाता हू आँखे मसल कर चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता हू पर न जाने तुम म होती हो कहा पथरो के इस शहर मे आकर मै भी एक पत्थर बन गया हू अब तेरे मासूम स्पर्श से भी मेरे जज्बात कंपते हैँ कहा? ©Parasram Arora पथरो के शहर मे
पथरो के शहर मे
read moreParasram Arora
White प्रेम के अभाव मे जीवन मारुस्थलीय जीवन की तरह हो जाता है.. ऐसे खुशक जीवन मे दूर दूर तक कोई जल स्त्रोत या कोई झरना नहीं दिखता. और न ही कही धूप मे बचने के लिए किसी वृक्ष का साया ही मिल पाता है ©Parasram Arora प्रेम के अभाव मे
प्रेम के अभाव मे
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