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Parasram Arora
White विरह क़ी रात तों जैसे तैसे किसी तरह गुज़र ही जायेगी पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि मै रात भर सोया नहीं था ©Parasram Arora विरह क़ी रात
विरह क़ी रात
read morelove you zindagi
चाहत से उसकी मैं बेखबर था पहले से ही मैं बहुत खामोश था, ऐसी शिद्दत से उसने गले से लगाया सुकून की चाहत में, मैं दौड़ा चला आया ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #Love #चाहत #बेखबर #खामोश #शिद्दत #सुकून
Shubham Bhardwaj
White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं। इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।। ©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम
Jitendra Giri Hindu
चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है, दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है? कह न पाया, आंखों का ये हाल, मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल। हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती, भीतर के आँसू हवाओं में बहती। ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें, उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें। सवालों के घेरे, जवाबों का डर, दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर। हंसी के सुरों में रुदन की कहानी, हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी। चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी, क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली? दिल ने बस धीरे से इतना बताया, "मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।" ©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
read moreAvinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Avinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Tej Pratap
ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश, कैसा लगता है। हमें तो बादलों से झांकता चांद , अच्छा लगता हैं।। ©Tej Pratap #रात #चांद #Quote
नवनीत ठाकुर
ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर #जुबां खामोश थी
#जुबां खामोश थी
read moreनवनीत ठाकुर
उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा, खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे। चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई, सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे। वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया, रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे। उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला, हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे। नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया, हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे। वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है, धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे। उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर, फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे। ©नवनीत ठाकुर #रात में महताब
#रात में महताब
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