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New चाँद का पर्यायवाची Quotes, Status, Photo, Video

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Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain  आज का विचार 08.12.24  आज का विचार

anil kumar12

#Funny 🤣रात मे चाँद देखना है #funnyशॉर्ट्स 🤪😜 #funnyकॉमेडी 'कॉमेडी वीडियो कॉम'

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VIPUL KUMAR

आज का विचार

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Ram Prakash

#love_shayari चाँद

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White मंडप तक जाते जाते इश्क का 
लोकेशन कुछ एैसा 
धीमा 
है

किसी और के चाँद का
किसी और को
बीमा
है

©Ram Prakash #love_shayari चाँद

ashita pandey बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

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कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़ #sad_quotes  आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

Shraddha

# चाँद

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ऐ चाँद ,क्यों तेरा दीदार मुझे उनकी याद दिलाता है 
तुझे निहारकर बैचैन दिल को सुकून मिल जाता है 
देखते हैँ वो भी मुझे तुझमे कहीं ,तू उनका भी सुकून होगा कभी,
शुक्रिया ऐ चाँद तू आकर हमारा मिलन करा जाता है। 
हमारा मिलन करा जाता है।

©Shraddha # चाँद

Parasram Arora

चाँद नहीं पतंग

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White मै रात भर  चाँद को 
पतंग बना कर 
उडाता रहा 

फिर बादलों से 
पेच लड़ा बैठा 
और 
पता नहीं वो चाँद 
कट कर 
कहा  जा कर 
गायब हुआ था

©Parasram Arora चाँद नहीं  पतंग

Sunil Kumar Sunil Kumar

आज का विचार

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Dev

दिल का अहसास

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वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev दिल का अहसास

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#चाँद

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कुछ तो है या कुछ हुआ हुआ सा लगता है 
तेरी उल्फ़त में उठा धुंआ धुंआ सा लगता है 

तेरी निगाहें तेरी जुबाँ से मेल नहीं खातीं 
तेरा अंदाज-ए-बयाँ जुदा जुदा सा लगता है 

क्या हुआ कि किसी ने कुछ कहा तुझसे 
मेरी ओर बढ़ता कदम रुका रुका सा लगता है 

एक मुद्द्त बाद तो दिल ने पाई है रोशनी 
वो चिराग़ ही मुझे बुझा बुझा सा लगता है 

तेरी छत पे देख चाँदनी छिटकी नहीं क्या 
ये चाँद मुझे उखड़ा उखड़ा सा लगता है 

आईना-ए चश्म अश्कों से भरा न कर मेरा 
अक्श ही मुझे धुंधला धुंधला सा लगता है 

जिस मोड़ के बाद साहिल को आना था 
उसी मोड़ पे तूफाँ खड़ा खड़ा सा लगता है 

जिसे झुका पाने की जुर्रत न थी जमाने में 
वही सर आज झुका झुका सा लगता है 

तुम्हारी उदासियाँ हवायें चुरा लाई जैसे 
मिजाज़ उनका खफ़ा खफ़ा सा लगता है

©अज्ञात #चाँद
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