Find the Latest Status about वाह वाह क्या बात है कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वाह वाह क्या बात है कविता.
Kiran Chaudhary
कितनी अजीब बात है, कि हम मिले और यूँही बिछड़ गए एक दिन।। ©Kiran Chaudhary कितनी अजीब बात है
कितनी अजीब बात है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreneelu
White चक्रव्यूह चाहे चिंताओं का हो चक्रव्यूह चाहे विचारों का हो चक्रव्यूह चाहे किसी भी...बात का है अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह को तोड़ने का स1हस दिखाइए ©neelu #sad_quotes #बात का है
#sad_quotes #बात का है
read moreAshvani Kumar
White किताबों के पन्ने पलट कर सोचता हूँ ,,,, युँ पलट जाए जिंदगी तो क्या बात हैं ।। तम्मना जो पूरी होती हैं ख्वाबों में ,, हकीकत बन जाए तो क्या बात है ।। कत्ल कर के तो सब ले जाएंगे दिल मेरा ,, कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है ।। जो शरीफों की शराफत मे बात ना हो ,, एक शराबी कह जाए तो क्या बात हैं ।। जिंदा रहने तक तो खुशी दूँगा सबको ,, किसी को मेरी मौत पर खुशी मिल जाए तो क्या बात है !! ❤️ ©Ashvani Kumar #sad_quotes किसी को मेरी मौत पर खुशी मिल जाए तो क्या बात है !! ❤️
#sad_quotes किसी को मेरी मौत पर खुशी मिल जाए तो क्या बात है !! ❤️
read moreVk srivastav
बात करने के लिए बात ज़रूरी है क्या ? चाहने के लिए जज़्बात ज़रूरी है क्या? वो अगर चाहें तो चाहत उनकी चाहने के लिए फ़रियाद ज़रूरी है क्या? ©Vk srivastav बात करने के लिए बात ज़रूरी है क्या? #Life #Quote #SAD #Trending #शायरी #लव #vksrivastav
Avni Saraff
जाने क्या बात है, उद्वेलित रहता है धीर गंभीर सागर इतना औ प्रफुल्लित कल कल, छल छल बहती रहती क्यूं नदियां ©Avni Saraff #जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
#जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White माणूस मेल्यावर शरीराचं दर्शन घेऊन अंघोळ करतो.. निष्पाप जीवाला खाताना अंगा मांसांचं रक्त पितो.. प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन देव बनून जातो.. माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा दगड बनून राहतो.. ज्या मासिक पाळीमुळे जन्म माणसाचा होतो.. तिलाच आयुष्यभर समाज विटाळ म्हणत राहतो.. माझं माझं म्हणत सगळं भ्रमात जगत राहतो.. सगळं काही इथेच सोडून एकटाच सोडून जातो.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर वाह रे माणसा..
वाह रे माणसा..
read more