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{**श्री राधा **}
Unsplash ये जिन्दगी भी कितनी छोटी होती हैं ना जैसे मुट्ठी में रेत....... 🥹🥹 ©{** राधा **} खूबसूरत दो लाइन शायरी
खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moresweety
Unsplash छुपा कर इश्क़ की ख़ुशबू को रखा नहीं जाता.. नज़र उसको भी पढ़ लेती है जो लिखा नहीं जाता.. !! ©sweety खूबसूरत दो लाइन शायरी
खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreParasram Arora
Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora दो गज़ जमीन
दो गज़ जमीन
read more- Arun Aarya
मन का नाव अगर डूब चुका है , तो हिम्मत का पतवार क्या करें ! जब ख़ुद पर से भरोशा टूट चुका हैं ,, तो भला वो परवरदिगार क्या करें..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #Krishna परवरदिगार मतलब भगवान
#Krishna परवरदिगार मतलब भगवान
read morePravin Pawade
इश्क का मतलब ... नही जानते... तो क्या कीजीए... प्यार की चाह मे.... राह भुल बैठे... तो क्या कीजीए... इन उदास नजरों का... क्या था केहना.. सु
read moreनवनीत ठाकुर
"उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद, आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज। हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात, दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ, मयखाना खोल दो, मिले हैं यार दो साल बाद।" हर दिल से मिटा दो दूरी की साज़िश, महफ़िल को बना दो जन्नत की सौगात।" ©नवनीत ठाकुर "उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद, आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज। हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात, दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ
"उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद, आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज। हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात, दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ
read moreParasram Arora
White काफ़ी दिनों तक साथ साथ हम चलते रहे फिर एक दिन अलग हुए अब मुझे तलाश है उस जगह की जहा नदी के दोनों किनारे जा कर मिलते हो ©Parasram Arora दो किनारे
दो किनारे
read moreShashi Bhushan Mishra
मनचाहा करते करतब, मर्यादा का क्या मतलब, नये ख़यालों के आलिम, अंग प्रदर्शन करे गज़ब, नदी लांघ देती मर्यादा, त्राहिमाम करते हैं सब, अपनी-अपनी हद में रहें, संस्कार सिखलाए अदब, पहनावे से बने आधुनिक, किन्तु विचार बड़े बेढव, आजादी का करें दिखावा, डांस, ड्रिंक,पार्टी और पब, 'गुंजन' खुशगवार मौसम में, क्यों मांगूं फ़ुर्सत जब तब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #मर्यादा का क्या मतलब#
#मर्यादा का क्या मतलब#
read moreVinod Mishra