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Bharat Bhushan pathak

सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ

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बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला।
इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।।
पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया।
प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।।
आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना।
जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।।

©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त ।

16 मात्रिक पद ठ

Bharat Bhushan pathak

poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi इस छंद में विशेष :-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

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दिग्पाल (या मृदुगति) छंद 
मापनी- 221 2122 221 2122 
लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा 
छंदाधारित फिल्मी गाने- 
1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 
2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा 


मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi
इस छंद में विशेष
:-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain  आज का विचार 08.12.24  आज का विचार

Bharat Bhushan pathak

#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे

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मण्डूक दोहे
पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़।
जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१

माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार।
देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२

रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार।
पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३


कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात।
वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४

 मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर।
 भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५

इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu

मण्डूक दोहे

Anchor Manish Sharma

आज का विचार सुप्रभात Entrance examination आज का विचार

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Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

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White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain #sad_dp  आज का विचार 22.10.24  आज का विचार

Avadhesh Verma

दियरा का राजा का महल

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Ram Yadav

#love_shayari आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म

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White इंसान ने सब कुछ दांव पर लगाया,
सांसों की मोहलत खरीदने के लिए
।।।।।।।।।

अफसोस,,
समय का सबसे छोटा हिस्सा भी न मिला,
एक कतरा सांस के लिए
।।।।।।🥹।।।।।।।

सारी किताबें लिखी पड़ी है
अमर होने का वरदान मांगने वालों से
।
पता नहीं,
अब उनकी धूल हवा में होगी भी या नहीं
।।।।।।।।।।।

©Ram Yadav #love_shayari  आज का विचार आज का विचार #अध्यात्म
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