Find the Latest Status about बस्तियों के प्रकार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बस्तियों के प्रकार.
DR. LAVKESH GANDHI
खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI #खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #
खुशियों के पल # जिंदगी के हसीन पल #
read moreLAKKI
White किसी भी प्रकार का भय और अधूरी इच्छा ही हमारी दुखों का कारण है ©LAKKI किसी भी प्रकार का भय और अधूरी इच्छा ही हमारी दुखों का कारण है motivation
किसी भी प्रकार का भय और अधूरी इच्छा ही हमारी दुखों का कारण है motivation #Motivational
read moreMoHiTRoCk F44
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो उजड़े हुए लोगो के ठिकाने नही होते ©MoHiTRoCk F44 बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो उजड़े हुए लोगो के ठिकाने नही होते #MohitRockF44 #Painful #dard_e_mohabbat #nojatohindi #hkndipoet
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो उजड़े हुए लोगो के ठिकाने नही होते #MohitRockF44 #Painful #dard_e_mohabbat #nojatohindi hkndipoet #hkndipoetry
read moreHimanshu Prajapati
White हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..! ©Himanshu Prajapati #sad_shayari हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..!
#sad_shayari हर हालात से लड़ा हूं, हर प्रकार के इंसान से मिला हूं, पर मेरे जैसा कोई नहीं, जो मोहब्बत में है पर किसके साथ पता नहीं..! #विचार
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इस प्रकार जो मुझे तत्त्व से जान लेता है, वह भी कर्मों से नहीं बँधता।' ©N S Yadav GoldMine #love_shayari गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इ
#love_shayari गीता ४।१४) {Bolo Ji Radhey Radhey} किसी भी जीव के 'कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है; इसलिये मुझे कर्म लिप्त नहीं करते -इ #मोटिवेशनल
read moreN S Yadav GoldMine
White गीता ११।५४) {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज रूप वाला, मैं प्रत्यक्ष देखने के लिये, तत्त्व से जानने के लिये तथा प्रवेश करने के लिये अर्थात् एकीभाव से प्राप्त होने के लिये भी शक्य हूँ।' ©N S Yadav GoldMine #love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र
#love_shayari गीता ११।५४){Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधे कृष्ण जी।। 'परंतु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज र #मोटिवेशनल
read more