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BEGHAR
वही आता नहीं था इस मकाँ में खुला था जिसकी ख़ातिर दर हमारा फ़क़त पूछा कि तुम शादी करोगी अभी तक ब्लॉक है नम्बर हमारा😊😊 #yourquote Fb//: @begharteremanse #माजिद
Anindya Dey
.. आंखों से उतरी कब की अब बातों में ग़र मिले, इरादों की रहने दें हो कोई आदतन माजिद मिले.. .. 🌱खुशामदीद..💞 माजिद माने, नेक, noble.
Himanish Dhanesha
शे'र-ओ-शायरी में खुद को माजिद ना समज "अल्मास" ,, की इन्हें ईजाद करने वाला कोई "ग़ालिब" भी था । #NojotoQuote एक शे'र उस्ताद मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में …... माजिद :- noble #writers #nojotohindi #2liners #शायरी #kalakaksh #shayar #love #TST #words
Anant Nag Chandan
ख़ुदा से आस रखती है वो लड़की बहुत उपवास रखती है वो लड़की मिरे लब काट लेती है वो अक्सर ग़ज़ब की प्यास रखती है वो लड़की माजिद मुरशदपुरी ©Anant Nag Chandan ख़ुदा से आस रखती है वो लड़की बहुत उपवास रखती है वो लड़की मिरे लब काट लेती है वो अक्सर ग़ज़ब की प्यास रखती है वो लड़की माजिद मुरशदपुरी
manoj Kumar
Kh_Nazim
"भूल गया वो रामराज" ढाचे के पास संसार अब हो गया विनास अब कर रहे है जातपात हो गया रक्तपात। खो रहे करुणा की आथा गा रहे सब धर्म की गाथा भूल गए वो रामराज कर रहे सियासत उसी-पे आज । हो गया विनास अब खो रहे आश अब अजब गजब यह लड़ई । मंदिर मज्जिद की यह खाई लगा है डर अब दिल में की राजनीती है अब संग में, भूल गया वो रामराज भूल गया वो रामराज बाबरी माजिद इस को कहते मोहिन्द इसके पीछे सार फोड़ते। क्या था यह क्या हो गया है एक ढाचे के लिए अपनों में संघर्ष हो गया "भूल गया वो रामराज" ढाचे के पास संसार अब हो गया विनास अब कर रहे है जातपात हो गया रक्तपात। खो रहे करुणा की आथा गा रहे सब धर्म की गाथा भू
Aastha
तुम औरत हो ज़रा मोहतात रहना, ज़माना इस क़दर बदला नहीं है... -माजिद अली काविश वैसे तो औरतों पर बहोत कुछ कहा और लिखा गया है, लिखा जा भी रहा है...कोई आगे बढ़ने की कहानी लिख रहा, कोई औरत के दर्द, तो कोई उसकी बेवफ़ाई लिख रहा
Swatantra Yadav
जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो मरने पर भी मेरी रूह यही कहे,बस ये हिजाब उतार दो बेशर्मी कपड़ों से नहीं होती, होती तो तवायफें भी हैं हिजाब में में क्या हूं कौन हूं मेरी पहचान को हिजाब नहीं स्वतन्त्र आधार दो तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना, सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल
स्वतन्त्र यादव
जेल में डाल दो,चाहे तो बाल काटने पर गोलियां मार दो मरने पर भी मेरी रूह यही कहे,बस ये हिजाब उतार दो बेशर्मी कपड़ों से नहीं होती, होती तो तवायफें भी हैं हिजाब में में क्या हूं कौन हूं मेरी पहचान को हिजाब नहीं स्वतन्त्र आधार दो तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना, सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल