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M R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी 🙏 ©M R Mehata(रानिसीगं ) धोखा खा गए..... 💝💝
Anuj Ray
White लगा के आग दिल में , छोड़ दी है सर्दी रातों को, बेखुदी का हाल बताने, तुम बिन जाए तो जाए कहां। ©Anuj Ray ₹ तुम बिन जाए तो जाए कहां"
मेरी कलम के दो शब्द
White एहतियात बरतती है जिन्दगी भी की। कहीं कोई शक्स गुमराह ना हो जाए।। ©मेरी कलम के दो शब्द गुमराह ना हो जाए
Shashi Bhushan Mishra
White कर दे जब मौसम बेज़ार, लगे नियति बेबस लाचार, पतझड़ गुजरी आया बसंत, होती रहती है जीत हार, ख़ुशियों की है आवा-जाही, कर दूँ सारा कुछ दरकिनार, बरसे मधुमय रस प्रेमपूर्ण, आकर छेड़े मन का सितार, देकर सुकून कुछ पल का ही, फिर गुज़र जाए चाहे बहार, भर दे शीतलता धरती पर, सावन में घिर गिरकर फुहार, बाक़ी कर दे दिल पर 'गुंजन', दो पल की ही ख़ुशियाँ उधार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #गुज़र जाए चाहे बहार#
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh आईना सच बताने लग जाए तो, गलतियों को दिखाने लग जाए तो, पैरहन के अलावा भी है और कुछ, भेद घर का बताने लग जाए तो, मर्ज़ का नुस्खा बताए ख़ुद मरीज, चाराग़र को सिखाने लग जाए तो, पहुँचकर थाने में सारे चोर ख़ुद ही, रपट बरबस लिखाने लग जाए तो, झूठ की देकर दलीलें कोर्ट में, फैसला ख़ुद सुनाने लग जाए तो, सेंकने वाले सियासी रोटियों को, आग दिल में जलाने लग जाए तो, सोचता हूँ संकटों के जनक गुंजन, समस्या को भगाने लग जाए तो, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #लग जाए तो#
Pushpendra Pankaj
दुनियादारी जब निभानी आ गई, उनसे मिलने की कहानी भा गई, चल ही पाए थे संभल दो-चार पग, राक्षसी मंहगाई सपने खा गई।। सारा नियोजन एक पल में ढह गया, संयोजन तेज धार बनकर बह गया बन रहे थे अपने आप मे अर्थवेत्ता, एक झोका सब सच्चाई कह गया ।। अब तो सपने देखना ही रह गया जितनी हिम्मत थी,उतना सह गया, संयोजन,नियोजन भी अब सस्ता नहीं आम जीवन गृहण बनकर गह गया ।। कट चुका है ,कूछ ही जीवन शेष है झांकते है पर्स क्या कुछ अवशेष है, रिस रही है जिंदगी तिल-तिल यहाँ, देखते हैं,साहब का क्या आदेश है ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj राक्षसी मंहगाई सपने खा गई
Pragya Pandey
गहराइयाँ, उचाईयां, सब संजो के रखी है दिल की न जाने किस वक़्त किसकी जरूरत पड़ जाए।। ©Pragya Pandey #mountainsnearme ज़रूरत पड़ जाए