Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'आजाद पर कविता' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'आजाद पर कविता' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'आजाद पर कविता'.

Stories related to 'आजाद पर कविता'

Prakash writer05

मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

read more
White मेरी बहन सब की बहन है 
मगर
सामने वाले की बहन क्या माल है यार
यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार?
पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार
लेकिन शायद  तू यह नहीं जानता
कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार
चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर
वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं
मगर हम भूल जाते हैं कि
हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां
किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है
यही हकीकत है आज की
यही सच्चाई है समाज की
तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो
हो जाएगा बवाल यार
लेकिन
 नुक्कड़ वाली माल है
 यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार
तेरी यह सोच क्या है??
यह सोच ही तो कमाल है यार
तेरी बहन को जब यह पता लगेगा
तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा
झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है
ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है
मगर अफसोस है
कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 
एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी
उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी
खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है
अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी
तभी 
गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी
खुद को बदलो सोच को बदलो
नजर को बदलो नजरिए को बदलो
नजारा तो खुद ही बदल जाएगा 
फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा
किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार?
 वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार!

©Prakash writer05  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

# दहलीज़ पर कविता"

read more
White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

© # दहलीज़ पर कविता"

Narendra Vyawhare

महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

read more
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून  'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली,
पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी.

©Narendra Vyawhare  महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

Anisha Kiratkarve

#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह

read more
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती,
उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती...

खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही,
कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही.....

आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत
प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत....

©Anisha Kiratkarve #SunSet  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह

Azaad Pooran Singh Rajawat

#newyearresolutions #आजाद संकल्प#

read more
New Year Resolutions      












आध्यात्मिक आस्था के साथ 
 हर कर्म करेंगे।
नशे से और नशा करने 
वालों से  दूरी बनाकर रखेंगे।
सात्विक शाकाहारी भोजन करेंगे 
 फास्ट फूड से जहां तक 
संभव होगा बचेंगे।

©Azaad Pooran Singh Rajawat #newyearresolutions #आजाद संकल्प#

funny jokes

#Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination

read more
Google एक ही जिंदगी मिली है 
ढ़ंग से बर्बाद करो !!😄😂😂

©funny jokes #Manmohan_Singh_Dies  मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

read more
Unsplash आजाद ग़ज़ल 
---------------

जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है 
ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है 

यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना 
वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है 

हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो 
मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है

ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है 
वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है 

मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये 
तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है 

मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो 
बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है

वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं 
दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल

Writer Mamta Ambedkar

#Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

read more
White इंसान दो जगह हमेशा  हार जाता है

इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है,
जहाँ दिल का रिश्ता गहरा हो जाता है।

एक वो जगह, जहाँ प्यार बसा होता है,
दूसरी, जहाँ परिवार का साया होता है।

प्यार में हार, मगर जीत सी लगती है,
आँखों में आँसू, पर खुशी छलकती है।

दिल देता है सब कुछ बिना हिसाब के,
चाहत की ये डोर, कभी न टूटने वाले ख्वाब के।

परिवार में हार, समर्पण कहलाता है,
हर त्याग में स्नेह छिपा नज़र आता है।

अपनों की खुशी में अपनी खुशी पाता है,
हर मुश्किल में साथ, बस वही साथ निभाता है।

दोनों हारें हैं, पर दिल से स्वीकार हैं,
प्यार और परिवार, जीवन के आधार हैं।

इन्हीं में बसी है जीवन की मिठास,
इन्हीं के बिना अधूरी है हर सांस।

इसलिए इंसान यहाँ हारने से डरता नहीं,
क्योंकि ये हार ही असली जीत कही जाती है।

©Writer Mamta Ambedkar #Romantic  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

read more
कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना 
बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना 

वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं 
वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना 

कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम 
बादलों बरस के अपनी पहचान बताना..

मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं 
तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना 

यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो 
पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना 

तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर 
कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

read more
White फलक पे माँ बाप का दर्जा रखा है मैंने 
बाकी कहाँ किसी का कर्जा रखा है मैने 

जुबाँ का इस्तेमाल ही कम करना है मुझे 
तुम कहते रहो मुँह में जर्दा रखा है मैंने 

कहीं सच जुबाँ पे आया तो बिखर जायेंगे 
रिश्तों की खातिर थोड़ा पर्दा रखा है मैंने 

कोई क़ीमत नहीं ली उसे खुश रखने की 
ऊपर से बोझ उसके सर का रखा है मैने 

उजालों ने साथ छोड़ा तो क्या करते फिर 
अंधेरों से याराना उम्र भर का रखा है मैंने 

न फ़िदा हूँ उनके हुस्न-ओ-अदाओं पे तो 
बेवज़ह मुलाकातों पर पहरा रखा है मैंने 

उनसे भी तो उम्मीद ही कहाँ रखी जिनसे
रिश्ता मोहब्बत का गहरा रखा है मैंने

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile