Nojoto: Largest Storytelling Platform

New इंफेक्शन Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about इंफेक्शन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इंफेक्शन.

    PopularLatestVideo

N S Yadav GoldMine

#boat तुलसी की माला से स्वास्थ्य और शांति की प्राप्ति होती है 💠💠 {Bolo Ji Radhey Radhey} 🔯 तुलसी की माला पहनने से मन शांत और आत्मा पवित्र #जानकारी

read more
mute video

Mysterious Girl

#Phalsafa_e_zindagi Read Caption 👉🌸फूलों की दुनिया🌸 Episode 2:-आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनका इस्तेमाल शारीरिक समस्याओं को दूर #Knowledge #nojotohindi #nojotoapp

read more
mute video

N S Yadav GoldMine

चाय पत्ती और चावल के पानी को बालों पर लगाने के कई लाभ मिल सकते हैं जरूर पढ़िए यह उपाय !! ☕☕ {Bolo Ji Radhey Radhey} मुलायम बाल :-💆 हर कोई खूब #betrayal #जानकारी

read more
चाय पत्ती और चावल के पानी को बालों पर लगाने के कई लाभ मिल सकते हैं जरूर पढ़िए यह उपाय !! ☕☕
{Bolo Ji Radhey Radhey}
मुलायम बाल :-💆 हर कोई खूबसूरत, मुलायम और चमकदार बाल चाहता है। इसके लिए लोग तरह-तरह के शैंपू, कंडीशनर और ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आप चाहें तो घर पर मौजूद चाय पत्ती और चावल के पानी से भी बालों को खूबसूरत बना सकते हैं। चाय पत्ती और चावल का पानी बालों को मुलायम, चमकदार बनाता है, साथ ही हेयर ग्रोथ में भी मदद करता है। चाय पत्ती और चावल के पानी को बालों पर लगाने के कई लाभ मिल सकते हैं।

बाल मुलायम बनाए :-💆 चाय पत्ती और चावल के पानी को बालों पर लगाने से बाल मुलायम बनते हैं। इससे रूखे, ड्राई और बेजान बालों से छुटकारा मिल सकता है।

डैंड्रफ से छुटकारा दिलाए :-

💆 अगर आपके सिर या बालों पर डैंड्रफ है, तो भी आप चाय पत्ती और चावल के पानी का यूज कर सकते हैं। इससे रूसी और डैंड्रफ से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही चाय पत्ती और चावल का पानी सिर से इंफेक्शन और गंदगी को हटाने में भी मदद कर सकता है। 

बालों की ग्रोथ करे :-💆 अगर आप बालों की ग्रोथ करना चाहते हैं, तो भी चाय पत्ती और चावल का पानी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप बालों को चाय पत्ती और चावल के पानी से धो सकते हैं। इससे बाल जड़ से मजबूत बनेंगे और उनकी ग्रोथ भी होगी। बालों को चाय पत्ती और चावल के पानी से धोने से आपके बाल धीरे-धीरे लंबे और घने बन जाएंगे।

बाल मजबूत बनाए :-💆 आजकल अधिकतर लोगों को हेयर फॉल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अगर आपको भी हेयर फॉल हो रहा है, तो आप चाय पत्ती और चावल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाय पत्ती और चावल का पानी बालों को जड़ से मजबूत बनाता है और टूटने से बचाता है।

चाय पत्ती और चावल के पानी का इस्तेमाल कैसे करें?

💆 आप अपने बालों को लंबा, खूबसूरत और चमकदार बनाने के लिए चाय पत्ती और चावल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप अलग-अलग बर्तन में चावल और चाय पत्ती भिगोकर रख दें। रातभर इन दोनों को पानी में रखें और सुबह छान लें। इसके बाद चावल और चाय पत्ती के पानी को एक साथ मिलाएं और उबाल लें। ठंडा होने के बाद आप इस पानी से बाल धो सकते हैं। आप चाहें तो बिना उबाले भी चाय पत्ती और चावल के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

💆 आप भी चाय पत्ती और चावल के पानी से बाल धो सकते हैं। इससे आपके बाल जड़ से मजबूत बनेंगे और खूबसूरत नजर आएंगे। लेकिन अगर आपके बाल बहुत ज्यादा टूट रहे हैं या सिर पर इन्फेक्शन है, तो आपको एक्सपर्ट की राय पर ही चाय पत्ती और चावल के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

©N S Yadav GoldMine चाय पत्ती और चावल के पानी को बालों पर लगाने के कई लाभ मिल सकते हैं जरूर पढ़िए यह उपाय !! ☕☕
{Bolo Ji Radhey Radhey}
मुलायम बाल :-💆 हर कोई खूब

Pankaj Singh Chawla

पर्किंग वाला प्यार 18 सुनो...! हुआ कुछ यूं की 'मन' ने इंडिया की टिकट बुक करवा ली थी... यहां उसकी मम्मी ने उसके पापा को सब बात बता दी थी... #yqbaba #yqdidi #yqlovestory #pchawla16 #Pakring_wala_pyar #पर्किंग_वाला_pyar

read more
पर्किंग वाला प्यार
भाग - 18
(Read In  Caption) पर्किंग वाला प्यार 18

सुनो...!
हुआ कुछ यूं की 'मन' ने इंडिया की टिकट बुक करवा ली थी...
यहां उसकी मम्मी ने उसके पापा को सब बात बता दी थी...

khamosh khat

हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी ( #Contest #Shayari #MeraIshq #alwaysmissyou #khamoshkhat

read more
हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं  लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि भविष्य में किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। यही वजह है कि दुनिया भर के सैकड़ों लोगों  जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, को प्रभावित करने वाले किडनी रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे बृहस्पतिवार को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाता है। इस साल 10 मार्च को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाएगा है।  यह लोगों में किडनी की बीमारियों की समझ, उनकी रोकथाम और उनका जल्द उपचार शुरू करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करता है। प्रतिवर्ष यह किसी थीम पर आधारित होता है आैर इस वर्ष की थीम है ‘बच्चों में किडनी रोग : बचाव के लिए जल्द प्रतिक्रिया करें! किडनी डिजीज बच्चों को कई रूपों में प्रभावित करती है जिसमें इलाज किये जाने वाले विकारों के साथ ही जीवन को खतरे में डालने वाले लंबे समय वाले परिणाम शामिल हैं। बच्चों में होने वाले मुख्य किडनी डिजीज-

नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम

यह एक आम किडनी की बीमारी है। पेशाब में प्रोटीन का जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षण हैं। किडनी के इस रोग की वजह से किसी भी उम्र में शरीर में सूजन हो सकती है, परन्तु मुख्यत: यह रोग बच्चों में देखा जाता है। उचित उपचार से रोग पर नियंत्रण होना और बाद में पुन: सूजन दिखाई देना, यह सिलसिला सालों तक चलते रहना यह नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम की विशेषता है। लम्बे समय तक बार-बार सूजन होने की वजह से यह रोग मरीज और उसके पारिवारिक सदस्यों के लिए एक चिन्ताजनक रोग है। नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम में किडनी के छन्नी जैसे छेद बड़े हो जाने के कारण अतिरिक्त पानी और उत्सर्जी पदार्थों के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर में सूजन आने लगती है। श्वेतकणों में लिम्फोसाइट्स के कार्य की खामी के कारण यह रोग होता है ऐसी मान्यता है। इस बीमारी के 90 प्रतिशत मरीज बच्चे होते हैं जिनमें नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कोई निश्चित कारण नहीं मिल पाता है। इसे प्राथमिक या इडीओपैथिक नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम भी कहते हैं।

वीयूआर

कई बार बड़े बच्चे भी बिस्तर खराब कर देते हैं। ऐसे में उन्हें वेसिको यूरेटेरिक रिफ्लक्स या वीयूआर की आशंका हो सकती है। यह वह रोग है, जिसमें (वाइल यूरिनेटिंग) यूरिन वापस किडनी में आ जाती है। वीयूआर में शिशु बार-बार मूत्र संक्रमण (यूटीआई) का शिकार होता है आैर इसके कारण उसे बुखार आता है। आमतौर पर फिजिशियन बुखार कम करने के लिए एंटीबायोटिक देते हैं लेकिन वीयूआर धीरे-धीरे आर्गन को डैमेज करता रहता है। वीयूआर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की आम समस्या है, लेकिन इससे बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। सौ नवजात शिशुओं में से एक या दो शिशु वीयूआर से पीडि़त होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि वीयूआर से प्रभावित बच्चे के भाई या बहन में से 32 प्रतिशत में यह समस्या देखी गई है। वीयूआर एक आनुवांशिक रोग है। अगर शुरुआती दौर में वीयूआर का इलाज किया जाए तो आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन बाद की स्टेज में यह किडनी फेलियर आैर ट्रांसप्लांट का मुख्य कारण बनता है।

यूटीआई

बच्चों में यूटीआई को डायग्नोज करना कठिन होता है। उपचार न कराया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ लक्षण भी बढ़ने लगते है जैसे नींद में बिस्तर गीला करना, उच्च रक्तचाप, यूरिन में प्रोटीन आना, किडनी फेलियर। लड़कियों में इसके होने की आशंका लड़कों से दुगनी होती है। अगर यूटीआई का उपचार नहीं कराया जाए तो किडनी के ऊतकों को स्थायी नुकसान पहुंचता है, जिसे रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी कहा जाता है। जब यूरिन का बहाव उल्टा होता है तो किडनी पर सामान्य से अधिक दबाव पड़ता है। अगर किडनी संक्रमित हो जाती है तो समय के साथ उतकों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे उच्च रक्तचाप और किडनी फेलियर होने का खतरा अधिक हो जाता है।

क्रोनिक किडनी डिजीज

यह शिशु में बर्थ डिफेक्ट (शिशु केवल एक किडनी के साथ या किडनी की असामान्य संरचना के साथ पैदा हो), आनुवांशिक रोग (जैसे पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज), इंफेक्शन, नेफ्रोटिक सिंड्रोम (ऐसे लक्षणों का समूह जिसमें यूरिन में प्रोटीन आैर पानी का खत्म होना आैर शरीर में नमक प्रतिधारणा जो यह किडनी डैमेज का संकेत दे), सिस्टेमिक डिजीज (जिसमें किडनी के साथ ही शरीर के कई अंग शामिल हों जैसे फेफेड़े), यूरिन ब्लॉकेज आदि शामिल है। जन्म से लेकर चार वर्ष तक बर्थ डिफेक्ट आैर आनुवांशिक रोग किडनी फेलियर का कारण बनते हैं। पांच से चौदह वर्ष की उम्र तक किडनी फेलियर का मुख्य कारण आनुवांशिक रोग, नेफ्रोटिक सिंड्रोम आैर सिस्टेमिक डिजीज बनता है।

किडनी रोग के लक्षण

चेहरे में सूजन

-भूख में कमी मितली, उल्टी

-उच्च रक्तचाप

-पेशाब संबंधित शिकायतें, झांग आना

-रक्त अल्पता, कमजोरी

-पीठ के निचले हिस्से में दर्द

-शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन

– किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं। मंद विकास, छोटा कद और पैर की हडिड्यों का झुकना आदि, किडनी की खराबी वाले बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है।

डॉक्टर सुदीप सचदेव | नारायाणा सुपेर्स्पेसियालिटी हॉस्पिटल गुरुग्रम हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं  लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (

Anamika Nautiyal

सिर पर गागर रखे छोटी-छोटी बालिकाओं का समूह किसी गाँव के रास्ते की तरफ बढ़ रहा था उन लड़कियों में सबसे आगे चलने वाली लड़की तेज कदमों से चल र #अनाम_प्रेम #अनाम_कहानी #हरि_वृंदा #जीवंत_प्रेम #पहाड़ीकहानी

read more
      सिर पर गागर रखे छोटी-छोटी बालिकाओं का समूह किसी गाँव के रास्ते की तरफ  बढ़ रहा था उन लड़कियों में सबसे आगे चलने वाली लड़की तेज कदमों से चल र
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile