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shaun kabeer
किरपापालिनी , जगतारिणी , समस्त जीवनेशवरी हे मातृरूप माहेश्वरी, ममतामयी ,करुणामयी , हे मातृरूप महेश्वरी । सुखकारिणी , दुखहारिणी , हे मातृरूप महेश्वरी । "सर्वेश्वरी.. जगदीश्वरी.. हे मातृरूप माहेश्वरी" #yourquotebaba #yourquotedidi #yourquotediary #YourQuoteAndMine Collaborating with Anwes
Shiwalika_SSS
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी, हे मातृ रूप महेश्वरी । ममतामयी करुणामयी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। जगजीवनी संजीवनी, समस्त जीवनेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। कृपालिनी जगतारिणी, प्रतिपल भुवन हृदयेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। तमहारीनी शुभकारणी, मनमोहिनी विश्वेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी, हे मातृ रूप महेश्वरी।। ममतामयी करुणामयी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। ~"जगजीत सिंह" (माँ) 🙏शुभ शारदेय नवरात्रि🙏 #नवरात्रि #जयमातादी #सर्वेश्वरी #शुभनवरात्रि #yqhindi #hindipoetry #yqbaba #yqdidi
Shiwalika_SSS
सर्वेश्वरी जगदीश्वरी, हे मातृ रूप महेश्वरी । ममतामयी करुणामयी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। जगजीवनी संजीवनी, समस्त जीवनेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। कृपालिनी जगतारिणी, प्रतिपल भुवन हृदयेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। तमहारीनी शुभकारणी, मनमोहिनी विश्वेश्वरी। हे मातृ रूप महेश्वरी। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी, हे मातृ रूप महेश्वरी।। ममतामयी करुणामयी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। सर्वेश्वरी जगदीश्वरी , हे मातृ रूप महेश्वरी ।। ~"जगजीत सिंह" (माँ) 🙏शुभ शारदेय नवरात्रि🙏 शुभ नवरात्रि #DurgaMaa #सर्वेश्वरी #नवरात्रि #जयमातादी #nozoto #hindi #NozotoHindi #hindipoetry
भुवनेश शर्मा
मेरी दादी ❣️... मृत्यु से पल भर पहले अपने नयनों से, सारा आशीष मुझ पर लुटा गईं🌿 मोतियों की माला मेरे लिए बनवा कर, संस्कारों की ज्योंत मुझ में जला गई🌿 😘😘😘 काश वो पल पैदा ही ना हो जिस पल में नजर तू ना आए ❣️❣️😊 तुम बड़ी याद आती हो😘 ओ जननी, सर्वेश्वरी इतनी भी क्या जल्दी थी🙂🙂🙂 #dadimaa #dadistheb
ABHISHEK SWASTIK
🙏🏼माँ महागौरी देवी🙏🏼 आदिशक्ति,सती देवी, नमस्तुभ्यं महागौरी । उमा,पार्वती,महादेवी, शिवा,शांभवी नमोस्तुते ।। हे कैलाशनिवासिनी, शिवशक्तिरूप महेश्वरी । हे महादेव सहगामिनी, हे शुंभ-निशुंभ संहारिणी ।। जगदीश्वरी कृपा करो, मातेश्वरी रक्षा करो । हे अम्बिके,जगदम्बिके, त्रिभुवनेश्वरी नमोस्तुते ।। हे वृषभ वाहन मोहिनी, हे सिंह वाहन सोहिनी । माया तुम्ही,प्रकृति तुम्ही, इस श्रृष्टि की जननी तुम्ही ।। जो भक्त तुम्हारा व्रत करे, नवरात्रि अष्टमी पूजन करे । माँ मनोरथ पूरन करे, जगतमाता सब दुःख हरे ।। - अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) 🙏🏼माँ महागौरी देवी🙏🏼 आदिशक्ति,सती देवी, नमस्तुभ्यं महागौरी । उमा,पार्वती,महादेवी, शिवा,शांभवी नमोस्तुते ।। हे कैलाशनिवासिनी, शिवशक्तिरूप म
Abhishek Asthana
🙏🏼माँ महागौरी देवी🙏🏼 आदिशक्ति,सती देवी, नमस्तुभ्यं महागौरी । उमा,पार्वती,महादेवी, शिवा,शांभवी नमोस्तुते ।। हे कैलाशनिवासिनी, शिवशक्तिरूप महेश्वरी । हे महादेव सहगामिनी, हे शुंभ-निशुंभ संहारिणी ।। जगदीश्वरी कृपा करो, मातेश्वरी रक्षा करो । हे अम्बिके,जगदम्बिके, त्रिभुवनेश्वरी नमोस्तुते ।। हे वृषभ वाहन मोहिनी, हे सिंह वाहन सोहिनी । माया तुम्ही,प्रकृति तुम्ही, इस श्रृष्टि की जननी तुम्ही ।। जो भक्त तुम्हारा व्रत करे, नवरात्रि अष्टमी पूजन करे । माँ मनोरथ पूरन करे, जगतमाता सब दुःख हरे ।। - अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) 🙏🏼माँ महागौरी देवी🙏🏼 आदिशक्ति,सती देवी, नमस्तुभ्यं महागौरी । उमा,पार्वती,महादेवी, शिवा,शांभवी नमोस्तुते ।। हे कैलाशनिवासिनी, शिवशक्तिरूप म
Vikas Sharma Shivaaya'
ब्रह्मा, विष्णु और महेश को ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मान जाता है। क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश का कोई पिता नहीं है? वेदों में लिखा है कि जो जन्मा या प्रकट है वह ईश्वर नहीं हो सकता। ईश्वर अजन्मा, अप्रकट और निराकार है। शिवपुराण के अनुसार उस अविनाशी परब्रह्म (काल) ने कुछ काल के बाद द्वितीय की इच्छा प्रकट की। उसके भीतर एक से अनेक होने का संकल्प उदित हुआ। तब उस निराकार परमात्मा ने अपनी लीला शक्ति से आकार की कल्पना की, जो मूर्तिरहित परम ब्रह्म है। परम ब्रह्म अर्थात एकाक्षर ब्रह्म। परम अक्षर ब्रह्म। वह परम ब्रह्म भगवान सदाशिव है। एकांकी रहकर स्वेच्छा से सभी ओर विहार करने वाले उस सदाशिव ने अपने विग्रह (शरीर) से शक्ति की सृष्टि की, जो उनके अपने श्रीअंग से कभी अलग होने वाली नहीं थी। सदाशिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धि तत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। वह शक्ति अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) कही गई है। उसको प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेव जननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सदाशिव द्वारा प्रकट की गई उस शक्ति की 8 भुजाएं हैं। पराशक्ति जगतजननी वह देवी नाना प्रकार की गतियों से संपन्न है और अनेक प्रकार के अस्त्र शक्ति धारण करती है। एकांकिनी होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवशात अनेक हो जाती है। उस कालरूप सदाशिव की अर्द्धांगिनी हैं जिसे जगदम्बा भी कहते हैं। विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 323 से 334 नाम 323 अपां-निधिः जिसमे अप (जल) एकत्रित रहता है वो सागर हैं 324 अधिष्ठानम् जिनमे सब भूत स्थित हैं 325 अप्रमत्तः कर्मानुसार फल देते हुए कभी चूकते नहीं हैं 326 प्रतिष्ठितः जो अपनी महिमा में स्थित हैं 327 स्कन्दः स्कंदन करने वाले हैं 328 स्कन्दधरः स्कन्द अर्थात धर्ममार्ग को धारण करने वाले हैं 329 धूर्यः समस्त भूतों के जन्मादिरूप धुर (बोझे) को धारण करने वाले हैं 330 वरदः इच्छित वर देने वाले हैं 331 वायुवाहनः आवह आदि सात वायुओं को चलाने वाले हैं 332 वासुदेवः जो वासु हैं और देव भी हैं 333 बृहद्भानुः अति बृहत् किरणों से संसार को प्रकाशित करने वाले 334 आदिदेवः सबके आदि हैं और देव भी हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ब्रह्मा, विष्णु और महेश को ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मान जाता है। क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश का कोई पिता नहीं है? वेदों में लिखा है कि जो ज