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Vishu Kids tv
Shivam Malakar
तेरा कोई जवाब नहीं वो सवाल है तु मेरा दिल जिसे दिखने को तरसे वो हसीन ख्याल है तु तेरी हुस्न और अदाओ का खजाना देखकर तेरे चाहने वाले भी कहते होगे कमाल है तु लाजवाब है तु ©Shivam Malakar लाजवाब है तु
@_Kailash_kumar_4455
White " इक् टैंम सी जदों तु मेरी हुन्दी सी अज तु मेन्नु छड़ के लोक्का दि होगी ऐं ! मैं अज बी लब्दा तेनू इस् दुनिया चो पर खोरे तु किस् वेले खों गयी ऐं ? ©@_Kailash_kumar_4455 #तु 👈
Astro Yogi
Yogi Sonu
Bharat Kumar "ऋषिराज"
Village Life परियों में रानी सी है तू, चाय में चीनी सी है तू! फूलों में महक सी है तू, खुशबु में चमेली सी है तू! बरसात में नमी सी है तू, अकेलेपन में कमी सी है तू! दर्द में राहत सी है तू, ख़ुशी में मन की चाहत सी है तू! मन्दिर, मस्जिद में मन्नत सी है तू!! स्वर्ग में भी जन्नत सी है तू, बस तू है,और केवल तू ही है!! ©Bharat Kumar "ऋषि राज" "ऐसी सी है तु"
Dharmendra Gopatwar
📄 _श्रवण तुझा मी 💞 तु श्रावणी माझी . .✍️ _ श्रवण तुझा मी तु श्रावणी माझी , सात फेरी ने साथ , तुझी मला मिळाली . . ही गाठ रेशमाची जुळता , सोनेरी या क्षणी , नवरोबा मी तुझा बायको तु माझी झाली . . भेट तुझी पहीली आठवते . , श्रावणातला जणू तो पहिल्या पाऊसाची चाहूल देणारी नवख्या प्रेमाची गोड भास देणारी होती . . नुकतंच . , चालण्याच्या प्रेमात पडलेला रेंगणारा मी तान्हा बाळ जणू . . प्रेमाचे तरंग मनात प्रिये अनुभवले मी त्या क्षणी . . जीवनात तु माझ्या इंद्रधनुष्या परि रंग भरशील ना ? अर्धांगिनी बनून सोबती तु असशीलच . . ! या मनाची हाक . , पाऊलासोबत पाऊल टाकत प्रियसी बनून सोबत चालशिल ना ? नाव तुझे जुळले नावासोबत माझ्या . , 2x " श्रवण तुझा मी . , तु श्रावणी माझी . ." जीवनसंगिनी झाली खरी तू माझी , जीवनाच्या प्रत्येक वाटेवर . , सांग बरं . . ! तु माझी . . सखी ' होशील ना . . ? 2x ©Dharmendra Gopatwar #श्रवण #तुझा #मी #श्रावणी #तु #माझी #कविता
ANAL SHARMA
एक तेरे अलावा कोई और चेहरा नज़र आता नही, एक तेरे अलावा किसी से मन भरता नही, यु तो सफर मे बहुत हैं साथी, पर तेरे अलावा कोई हमसफर नज़र आता नहीं। anku ©ANAL SHARMA #achievement एक तु ही हमसफर मेरा
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी ओढे जिसने अम्बर के वस्त्र नग्न दिगम्बर धारी था संयम के उपकरण धार लिये पथ उसका वीतरागी था चेतनता को जिसने जीवित रखा आत्म स्वाद पाया था भोगवाद की व्यथा से दूर आत्मबल की पराकाष्ठा को पाया था विद्या सागर ने इस कलिकाल में महावीर बन जन्म मरण से मुक्ति पाने संथारा समाधिस्त होकर कालिमा आत्मा से हटाया था भव भव से अब मुक्ति होगी बोध सिद्धत का पाओगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho विद्या सागर जी महाराज के समाधी और संथारा पर विशेष #nojotohindi