Find the Latest Status about शायरी की डायरी हिंदी में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शायरी की डायरी हिंदी में.
Sarvesh kumar kashyap
🍁🤔डायरी की शायरी 👥🔥 #viral #shayri #Trending #status #merikalammerevichar
read moreDr.Javed khan
ग़ज़ल (खयाल) उलझनों में भी जिंदगी तेरा खयाल रहा, यूं मिला तू के मिलने का मलाल रहा। किस खता की सजा पाई हमने , ज़िंदगी से अपना ये सवाल रहा। राह आसां उल्फत की नहीं हम जानते थे, हर कदम बेरुखी का तेरे उड़ता गुलाल रहा। राहतें और ना थीं एक तेरे सिवा, तेरा बिछड़ना भी एक मिसाल रहा। हुए ना तुम हमारे लाख मनाने से, वक्त का सितम भी कमाल रहा। ©Dr.Javed khan #Shayari #शायरी #हिंदी #Hindi
Shayari शायरी हिंदी Hindi
read moreSanjeev kumar
White न दिल होता न दिल रोता न दिल आप से जुड़ा होता न आप इतने हसीन होते न दिल आप पर फिदा होता ©Sanjeev kumar #Dosti शायरी की डायरी with Sanjeev Kumar
#Dosti शायरी की डायरी with Sanjeev Kumar
read moreMeena Singh Meen
White दिल की बातें बस दिल से कहना, और कोई न इनको समझ पाएगा। ©Meena Singh Meen #mountain #शायरी #meenwrites प्रशांत की डायरी vineetapanchal Ravi vibhute ARTIST VIP MISHRA ABRAR
mountain शायरी meenwrites प्रशांत की डायरी vineetapanchal Ravi vibhute ARTIST VIP MISHRA ABRAR
read moreSandeep Sagar
White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar #Road सागर की डायरी से
Sandeep Sagar
Night sms quotes messages in hindi नींद पकड़ के बैठा हूँ मैं,इन काली सी रातों में जाने क्यों एक टीस उठा है,ख्वाबों वाली बातों में ये ख़्वाब ख़्वाब ही होते है,ना होते है ये संजीदा फिर क्यूँ मेरी आँखें हुई लाल,इन ख़्वाबो की मुलाकातों में।। क्या मैं तुमको ढूँढ रहा था,या मैं खुद की परछाई या फिर खुद की देख हकीक़त आँख बंद से खुल आई मैंने बस एक डर देखा था,डर भी वो नादान सा था जाग के भागा था जिस डर से,फिर वही डर आँखों में आई।। ©Sandeep Sagar सागर की डायरी से
सागर की डायरी से #कविता
read more