Find the Latest Status about जा बे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जा बे.
Kulvant Kumar
White ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾 ©Kulvant Kumar #sad_ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾
#sad_ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾
read moreKulvant Kumar
White "Love 💕 "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है " ©Kulvant Kumar #LOATips "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है
#LOATips "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है
read moreRajesh Arora
White ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है किसी को देकर खुशियां किसी को देकर गम ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है जनवरी में आया दिसम्बर में जा रहा है बारह महीने रहकर ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ये साल जा रहा है ©Rajesh Arora ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
ये साल जा रहा है 'हिंदी कोट्स' लाइफ कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है काला चेहरा सत्ताधीशो का अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है बढ़ गया जोर जुर्म इनका टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी सर फिर से उठा चुके अधर्मी मर्यादा तब तार तार है होती तपस्या भंग सच्चाई की राक्षसों की प्रव्रत्ति सर उठा रही है माँस और सुरा सुंदरी का बढ़ा प्रचलन साधु भेष में हठधर्मिता पनपायी जा रही है असत्यता का कद बढ़ा कर त्यागी तपस्वी को मिटाने की धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है चीटी भी ना मारी हो जिसने उसे विधर्मी बताकर नींव धर्म की हिलायी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
#sad_quotes धुर्ता पाखण्ड मिलाकर की जा रही है
read moreNANDLAL KUMAR
Unsplash क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर... ©Nandlal Kumar क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर...#feeling #breakupquotes #SAD #moodoff sad shayari
क्यू जा रही हो मुझे छोड़ कर...feeling breakupquotes SAD moodoff sad shayari
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreBhupendra Rawat
White रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभूति इत्यादि परंतु, गुजरते वक़्त के साथ बदलते गए मायने उपसर्ग 'बे' के इस अदने से अक्षर ने अपने अंदर समाहित किए अनगिनत अर्थ 'निठल्ला', आवारा, नकारा, कामचोर इत्यादि बन गयी विशेषता उपसर्ग 'बे' की इसी विशेषता ने आशाओं से भरे जीवन मे भर दी निराशाएं ©Bhupendra Rawat #sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
#sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreShashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read more