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New पीला भोजन Quotes, Status, Photo, Video

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Yogi Sonu

आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे #Night #भक्ति #akadashi

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Mansi Rathour

नवमी के दिन कितनी कन्याओं को भोजन करना चाहिए#@mansi'sway #विचार

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Ankit Singh

एक मनुष्य भोजन के लिए जानवरों को मारे बिना जीवित और स्वस्थ रह सकता है, इसलिए, यदि वह मांस खाता है, तो वह केवल अपनी भूख के लिए पशु जीवन लेने #Quotes #Animals

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Ravendra

डीएम व एसपी ने परिषदीय विद्यालयों का किया निरीक्षण बहराइच । परिषदीय विद्यालयों के पठन-पाठन, भवन, शिक्षण स्थाफ व छात्र-छात्राओं की उपस्थित #वीडियो

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Ravendra

जनपद न्यायाधीश ने डीएम व एसपी के साथ किया कारागार का निरीक्षण बहराइच ।जनपद न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी मोनिका रानी, पुलिस अधी #न्यूज़

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Ravendra

किसानों मजदूरों को एक जुट होकर ईमानदारी से काम करना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिह ने म #न्यूज़

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Ravendra

राष्ट्रीय किसान महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने सभी एक जुट रहने व ईमानदारी से काम करने की बात कही। नवाबगंज बहराइच , क् #न्यूज़

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके ,  #कविता

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दोहा

जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम ।
रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।।

कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार ।
भोजन दूषित बन पके ,  उपजे हृदय विकार ।।

प्रभु का चिंतन जो करे , सुखी रखे परिवार ।
आपस में सदभाव हो ,  सदा बढ़े मनुहार ।।

प्रभु चिंतन में व्याधि जो , बनते सदा कपूत ।
त्याग उसे आगे बढ़े , वह है रावण दूत ।।

प्रभु की महिमा देखिए , हर जीव विद्यमान् ।
मानव की मति है मरी , चखता उसे जुबान ।।

पारण करना छोडिए , विषमय मान पदार्थ ।
उससे बस उत्पन्न हो , मन में अनुचित अर्थ ।।

२९/०२/२०२४     -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा

जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम ।
रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।।

कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार ।
भोजन दूषित बन पके , 

||स्वयं लेखन||

प्रातःकाल सबसे पहले उठकर जो भोजन पकाती है, सबको खिलाकर स्वयं जो आख़िर में खाती है, भाप से तर आख़िरी बची हुई रोटी भी जो खुद खा लेती है, #thought #maa #विचार #Life_experience

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प्रातःकाल सबसे पहले उठकर जो
भोजन पकाती है,

सबको खिलाकर स्वयं जो आख़िर में
खाती है,

भाप से तर आख़िरी बची हुई रोटी भी 
जो खुद खा लेती है,

और जब कभी भोजन कम पड़ जाए तो
 वो ख़ुद को भूखा रख लेती है,

ये मां होती है साहब! जो आरंभ से अंत
तक सब सह जाती है।

©||स्वयं लेखन|| प्रातःकाल सबसे पहले उठकर जो
भोजन पकाती है,

सबको खिलाकर स्वयं जो आख़िर में
खाती है,

भाप से तर आख़िरी बची हुई रोटी भी 
जो खुद खा लेती है,

Bharat Bhushan pathak

#loversday तुम्हारी याद में प्रियतम मजे से रात में सोए। बड़ी जी नींद आई थी,अजी सपने में हम खोए।। बताओ क्या, ख़ता मेरी,तड़पता है,नहीं ये दिल #Comedy

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तुम्हारी याद में प्रियतम मजे से रात में सोए।
बड़ी जी नींद आई थी,अजी सपने में हम खोए।।
बताओ क्या, ख़ता मेरी,तड़पता है,नहीं ये दिल।
लगी है मर्ज ही ऐसी,करुं भोजन,तभी गुड फिल।।
बड़ी मॉडर्न ,मुहब्बत ये,लगे न संग,कभी अच्छा।
नहीं जब साथ तू आती,लगे अच्छा,कहुँ सच्चा।।

©Bharat Bhushan pathak #loversday 
तुम्हारी याद में प्रियतम मजे से रात में सोए।
बड़ी जी नींद आई थी,अजी सपने में हम खोए।।
बताओ क्या, ख़ता मेरी,तड़पता है,नहीं ये दिल
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