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Stories related to चमड़ी ना रोग

Ruhi

सही है ना??

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White पैसे कमाने के चक्कर में जवानी निकल गई 
और जब अमीर हुए तो सारी ख्वाहिशें ही दब गई।

©Ruhi सही है ना??

Radhe Radhe

मुझे चाहो ना,,,, 💕

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मन करता है एक बच्चे की तरह तुझे प्रेम करू
मां की तरह ख्याल रखू
बहन की तरह तुम्हारी गलती 
में फटकार लगाऊ
और पत्नी बन कर सब कुछ निछावर कर दूँ
सिर्फ एक चीज मानंगती हूं
इतना तुम भी मुझे चाहो ना
जय श्री राधे

©Radhe Radhe मुझे चाहो ना,,,, 💕

Urmeela Raikwar (parihar)

#Sad_Status तू ना हम

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White तुझे ढूंढ़ते यहां तक भी आ गये ,
अब ना तू मिलेगा ना हम किसी को 

Urmee ki Diary

©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status तू ना हम

DR. LAVKESH GANDHI

दिल # # दिल का रोग #

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दिल किसका

 एक प्रेमिका के कहने पर जब प्रेमी ने
 अपनी जन्म देने वाली माता का दिल 
कलेजे से बेध कर निकाला 
और अपनी प्रेमिका के पास जा पहुंँचा 
तो प्रेमिका ने अपने प्रेमी को धिक्कारते हुए कहा जा जा...
 जो पुरुष जन्म देने वाली मांँ का नहीं हुआ 
वह अनजान प्रेमिका का क्या होगा...

©DR. LAVKESH GANDHI #दिल #
# दिल का रोग #

Rameshkumar Mehra Mehra

# अजाद कर दिये मैने मन पंसद लोग,ना अब कोई ख्वाईश रही ना कोई रोग....

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Munna kushwaha

#SunSet हां या ना

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset  कुदरत का करिश्मा इन्सानो के परे होता है!

©Munna kushwaha #SunSet  हां या ना

RUPESH Kr SINHA

सच है ना ये

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Urmeela Raikwar (parihar)

ना बनाओ

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Urmeela Raikwar (parihar)

ना कल सुकून था ना आज

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चाँदनी

#रोग

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White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है
शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही
कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है

मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ
और मेरे कविता के बहते नासूर से 
फिर एक जिस्म तैयार होता है 

हर बार हृदय काग़ज के आर पार
बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म
की तूरपाई मे कागज के सिलवटों
को नोच देता है

दर्द नासूर का नही, जिस्म का
 नही काग़ज का होता

मौत तीनों को कैद करता है
रूह अकेला चित्कारता है

कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती
बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार
जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है

©चाँदनी #रोग
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