Nojoto: Largest Storytelling Platform

New देवासुर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about देवासुर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, देवासुर.

Related Stories

    LatestPopularVideo

N S Yadav GoldMine

#Identity देवासुर संग्राम में शुची का देवराज इंद्र को रक्षासूत्र बांधना आइये जानते हैं, इंद्र व इंद्राणी की रक्षाबंधन से जुड़ी कथा !! 🔱🔱 देवा #प्रेरक

read more

AK__Alfaaz..

भाव विभोर होती, ​चंचल चंद्रिका, ​इठलाती बलखाती सी, ​​बरसा रही थी, ​उजलित किरणें, ​अपने स्नेह की ​धरा पर, ​उसकी​ महकती चंदन सी, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #testimonial

read more
भाव विभोर होती,
​चंचल चंद्रिका,
​इठलाती बलखाती सी,
​​बरसा रही थी,
​उजलित किरणें,
​अपने स्नेह की
​धरा पर,
​उसकी​ महकती चंदन सी,
​कुंदन देह पर, भाव विभोर होती,
​चंचल चंद्रिका,
​इठलाती बलखाती सी,
​​बरसा रही थी,
​उजलित किरणें,
​अपने स्नेह की
​धरा पर,
​उसकी​ महकती चंदन सी,

Divyanshu Pathak

हुलस_रहा_माँटी_का_कण_कण_उमड़_रही_रसधार_है_त्योहारों_का_देश_हमारा_हमको_इससे_प्यार_है_। भादों माह लगते ही हर दिन व्रत, पर्व, और उत्सव के रूप म #yqhindi #पाठकपुराण #ऋषिपँचमी #देवछठ

read more
विविक्तसेवी लघ्भाषी यतवाक्कायमानसः।
ध्यानयोगपरो नित्यं वैराग्यं समुपाश्रित:।।
(गी. अ.- 18,श्लोक - 52)

पवित्र वातावरण में रह कर नित्य अपने शब्दों पर विचार करने वाला वैरागी मुझ पर आश्रित रहता है तो इस ध्यान से--

अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधम् परिग्रहम्।
विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूयाय कल्पते।।
(गी. अ.-18,श्लोक-53)

अपने अहंकार ,बल,घमण्ड,काम और क्रोध को त्याग देने में सक्षम होता है और अपने शान्त व्यवहार से पृथ्वी पर मुझे पाता है। #हुलस_रहा_माँटी_का_कण_कण_उमड़_रही_रसधार_है_त्योहारों_का_देश_हमारा_हमको_इससे_प्यार_है_।
भादों माह लगते ही हर दिन व्रत, पर्व, और उत्सव के रूप म

Divyanshu Pathak

:🍨☕🍉🍧💕👨 भूलने भुलाने के भरम में जिंदगी गुजर जाती है जब भी अकेले होते है उसकी याद आ ही जाती है ! ये सिलसिला युहीं युगान्त तक चलता है बिछड़कर म

read more
जब ज़माने भर की कोशिशें नाकाम हो जाती है भूलने भुलाने की
तब यक़ीनन लगने लगता है तुम याद नही मेरा मन हो !
फ़लक देखूं या जमीं तन्हाई में तू ही शामिल है
तेरे सिवा कुछ भी दिखता नही बिन तेरे जीना मुश्किल है !
दिल की सुर्ख दीवारों पे तेरा नाम लिख दिया है रब ने
तभी तो सांसो के साथ हर लम्हें सामने आ ही जाता है !
मेरा यक़ीन है तेरे भरोसे अब इसे कभी न तोड़ना
हो सके तो अब तुम मेरा मुक़द्दर जोड़ना ! :🍨☕🍉🍧💕👨
भूलने भुलाने के भरम में जिंदगी गुजर जाती है
जब भी अकेले होते है उसकी याद आ ही जाती है !
ये सिलसिला युहीं युगान्त तक चलता है
बिछड़कर म

Divyanshu Pathak

Good morning ji 💕💕👨🍉🍉🍉🍉🍎🍎🍨🍧🍨🌱🍀☘☕☕☕☕☕☕☕😁😁 बुद्धि शान्ति का धरातल नहीं होती। वह तो टकराव का धरातल है। वहां मिठास नहीं होता। वाणी में रस होता ह

read more
भौतिकवाद,भोगवाद और
स्वच्छन्दता की मार से
व्यक्ति आज बेचैन हो उठा है।
लगता है उसका दम घुट जाएगा।
चारों ओर आतंकवाद और साम्प्रदायिक
कट्टरवाद की ऊंची उठती लपटें। Good morning ji
💕💕👨🍉🍉🍉🍉🍎🍎🍨🍧🍨🌱🍀☘☕☕☕☕☕☕☕😁😁
बुद्धि शान्ति का धरातल नहीं होती। वह तो टकराव का धरातल है। वहां मिठास नहीं होता। वाणी में रस होता ह

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ 🚩🚩🙏ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥🚩🚩🙏 शारदीय नवरात्र पंचम दिवस में आज मां भगवती के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है #navratri #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi

read more
Meri Diary Vs❤❤
🚩🚩🙏ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥🚩🚩🙏
शारदीय नवरात्र पंचम दिवस में आज मां भगवती के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है, 
मां स्कन्दमाता से प्रार्थना है कि आप सभी भक्तों के जीवन में सुख-शांति, यश और समृद्धि आए।
स्कंद का अर्थ भगवान कार्तिकेय और माता का अर्थ मां है, अतः इनके नाम का अर्थ ही स्कंद की माता है। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जानते हैं...।

🏵🏵🙏जय मां आदिशक्ति तेरी सदा ही जय हो🙏🏵🏵 
🚩🚩🙏जय माता दी🙏🚩🚩
✍️Vibhor Vashishtha vs Meri Diary Vs❤❤
🚩🚩🙏ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥🚩🚩🙏
शारदीय नवरात्र पंचम दिवस में आज मां भगवती के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है

Vikas Sharma Shivaaya'

एक पौराणिक कथा के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है. पानी को "नीर" या "नर" भी कहा जाता है. भगवान विष्णु जल में ही निवास कर #समाज

read more
एक पौराणिक कथा के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है. पानी को "नीर" या "नर" भी कहा जाता है. भगवान विष्णु जल में ही निवास करते हैं. इसलिए "नर" शब्द से उनका "नारायण"नाम पड़ा है...,

पुराणों में भगवान विष्णु के दो रूप बताए गए हैं. एक रूप में तो उन्हें बहुत शांत, प्रसन्न और कोमल बताया गया है और दूसरे रूप में प्रभु को बहुत भयानक बताया गया है...,

जहां श्रीहरि काल स्वरूप शेषनाग पर आरामदायक मुद्रा में बैठे हैं. लेकिन प्रभु का रूप कोई भी हो, उनका ह्रदय तो कोमल है और तभी तो उन्हें कमलाकांत और भक्तवत्सल कहा जाता है...,

कहा जाता है कि भगवान विष्णु का शांत चेहरा कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति को शांत रहने की प्रेरणा देता है. समस्याओं का समाधान शांत रहकर ही सफलतापूर्वक ढूंढा जा सकता है...,
शास्त्रों में भगवान विष्णु के बारे में लिखा है:-
"शान्ताकारं भुजगशयनं"। पद्मनाभं सुरेशं ।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
इसका अर्थ है भगवान विष्णु शांत भाव से शेषनाग पर आराम कर रहे हैं. भगवान विष्णु के इस रूप को देखकर मन में ये प्रश्न उठता है कि सर्पों के राजा पर बैठ कर कोई इतना शांत कैसे रह सकता है? लेकिन वो तो भगवान हैं और उनके लिए सब कुछ संभव है...,

भगवान विष्णु को "हरि" नाम से भी बुलाया जाता है. हरि की उत्पत्ति हर से हुई है. 
ऐसा कहा जाता है कि "हरि हरति पापानि" जिसका अर्थ है- हरि भगवान हमारे जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और पापों को दूर करते हैं...,
इसीलिए भगवान विष्णु को हरि भी कहा जाता है, क्योंकि सच्चे मन से श्रीहरि का स्मरण करने वालों को कभी निऱाशा नहीं मिलती है. कष्ट और मुसीबत चाहें जितनी भी बड़ी हो श्रीहरि सब दुख हर लेते हैं...,

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 586 से 597 नाम

586 शुभांगः सुन्दर शरीर धारण करने वाले हैं
587 शान्तिदः शान्ति देने वाले हैं
588 स्रष्टा आरम्भ में सब भूतों को रचने वाले हैं
589 कुमुदः कु अर्थात पृथ्वी में मुदित होने वाले हैं
590 कुवलेशयः कु अर्थात पृथ्वी के वलन करने से जल कुवल कहलाता है उसमे शयन करने वाले हैं
591 गोहितः गौओं के हितकारी हैं
592 गोपतिः गो अर्थात भूमि के पति हैं
593 गोप्ता जगत के रक्षक हैं
594 वृषभाक्षः वृष अर्थात धर्म जिनकी दृष्टि है
595 वृषप्रियः जिन्हे वृष अर्थात धर्म प्रिय है
596 अनिवर्ती देवासुरसंग्राम से पीछे न हटने वाले हैं
597 निवृतात्मा जिनकी आत्मा स्वभाव से ही विषयों से निवृत्त है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' एक पौराणिक कथा के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है. पानी को "नीर" या "नर" भी कहा जाता है. भगवान विष्णु जल में ही निवास कर
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile