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Anuj Ray
Unsplash कौन नहीं मज़बूर यहां" चाहत और रिश्तों के होते कुछ ऐसे बंधन, गला घोट के अरमानों का तड़पती हृदय स्पंदन। बड़ी शर्म की मर्यादा का चलता है दस्तूर जहां, प्यास अधूरी अंखियों की कौन नहीं मज़बूर यहां। ©Anuj Ray # कौन नहीं मज़बूर यहां"
# कौन नहीं मज़बूर यहां"
read moresanju पहाड़ी
White 🤍 कौन मैं, कौंन तू 🤍 जानता हूं परेशान मैं ही नहीं, आप भी नजर आते हो दिल में भरी बातों को,दिल में ही दफ्फन कर जाते हो कब तक खुद को, यूं ही सजा देते रहोगे कभी अपने फेसलों पर, मुड़कर के तो देखो मिलेंगें राह में, अनेकों हसीन चेहरे कभी इस मासूम चेहरे की, तरफ भी तो देखो मालूम नहीं, किस बात को दिल से लगा बैठे हो अनसुनी कहानियों पर, पर्दा डालकर के तो देखो आसान नहीं है, रिश्ते को कामयाबी की ओर देखना लोगो के नजरिया को, नजरअंदाज करके तो देखो कभी खुद के, दिल से पूछ्कर के देखना कौन मै कौन तू ,जरा ये दिल से पूछ करके तो देखो यूं ही न जाने देना, इस अटूट रिश्ते को दो आत्माओं के बन्धन में ,साथ देकर के तो देखो ©sanju पहाड़ी #कौन मैं,कौन तू
#कौन मैं,कौन तू
read moreAshraf Fani
आँखों में जो एक प्यास थी वो प्यास रह गई दिल में जगी जो आस थी वो आस रह गई अपना सा मुँह लिये हम महफ़िल से आ गये देनी थी जो एक चीज़ वो मेरे पास रह गई ©Ashraf Fani आँखों में जो एक प्यास थी वो प्यास रह गई दिल में जगी जो आस थी वो आस रह गई अपना सा मुँह लिये हम महफ़िल से आ गये देनी थी जो एक चीज़ वो मेरे पास र
आँखों में जो एक प्यास थी वो प्यास रह गई दिल में जगी जो आस थी वो आस रह गई अपना सा मुँह लिये हम महफ़िल से आ गये देनी थी जो एक चीज़ वो मेरे पास र
read moreDr.Priyanka Chandra
हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी ©Dr.Priyanka Chandra #Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी
#Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी
read moreYogi Raj Bharti
White ये कौन-सी खनक है जो मेरे कानों में आती है ये कौन-सी चमक है जो मुझे रिझाती है ये कौन-सी दमक है जो मुझे बुलाती है ये कौन-सी मोहब्बत है जो मुझे सताती है ©Yogi Raj Bharti कौन-सी
कौन-सी
read moreवैभव जैन
White 🧓वो मेरी नानी थी🧓 मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी वो मेरी नानी थी ।।1।। परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी वो मेरी नानी थी ।।2।। बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी वो मेरी नानी थी ।।3।। "गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना "वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना ©वैभव जैन #वो मेरी नानी थी
वो मेरी नानी थी
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