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puja udeshi
छुपा लो यू दिल ❤️मे प्यार मेरा,के जैसे मंदिर मे लो 🔥 दिए की....... ©puja udeshi #pyaar #लो #pujaudeshi
Parasram Arora
White ये तों वाकुई आश्चर्य की बात है कि तुम नशे की हालत मे.. भी सम्भल कर चल पांते हो अच्छा होगा तुम आगे भी उतनी पीना जो तुम्हे लड़खडाने न दे ©Parasram Arora संभाल कर
संभाल कर
read moreritesh Kumar
White भावनाओं के समंदर में डुबकी मत लगाया करो यारों.... अक्सर भोलेपन का परिणाम दु:खद हीं हुआ करता है। जांचे परखे बगैर न तो संबंध तय करो और न हीं कुछ भी क्रय करो! ©ritesh Kumar पहले जांच परख लो
पहले जांच परख लो
read moreAndy Mann
अगर "गलत" करूं कुछ मैं, तो "डाँटती" है मुझे..! "प्रकृति" ने बख़्शी है.. "बेटी"भी, मुझे "मां" की तरह..!! ©Andy Mann #बेटी अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava Sangeet... MRS SHARMA
#बेटी अदनासा- Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava Sangeet... MRS SHARMA
read morepramod malakar
@ हाथों में तलवार थाम लो @ चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । तुम्हारा सनातन ख़तरे में है , यही सच है तुम मान लो । कांग्रेस,सपा,राजद और , झामूमो का साथ छोड़ दो। जो धर्म विरोधी है देश विरोधी, उसका राह मोड़ दो। दुनिया से हिन्दू खत्म, पाकिस्तान में हिन्दू खत्म , बंगलादेश में खून बह रहा है। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो । कल औरंगजेब बाबर ने मंदिर तोड़ा, आज पाकिस्तान बंगलादेश में टूट रहा है। नहीं जागे तो तुम्हारा खत्म होना तय है, हो रहा भारत इस्लाम मय है । वक्त कम है खून गर्म करो , दिल कठोर करो नहीं नर्म करो। चलो जागो उठो निकलो , हाथों में तलवार थाम लो ।। #################### प्रमोद मालाकार ... 26.11.24 ©pramod malakar #हाथों में तलवार थाम लो ।
हाथों में तलवार थाम लो ।
read moreMiss Khushi
White कितने भी अच्छे कर्म कर लो तारीफ तो शमसान मे ही होंगी 🥹🌹 ©Miss Khushi #Sad_Status कितने भी अच्छे कर्म कर लो तारीफ तो शमसान मे ही होंगी 🥹🌹
#Sad_Status कितने भी अच्छे कर्म कर लो तारीफ तो शमसान मे ही होंगी 🥹🌹
read moreSupriya Jha
विधाता ने बेेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। पिता के लाड में पली बेटी की आज विदाई है।। जिस घर में हर पल की यादें,बचपन की लड़ाई है। आज उससे ही मुझको करनी पड़ रही जुदाई है।। बिछड़ने की किसने ये रस्म बनाई है। मां के आंचल में पली बेटी की आज विदाई है।। पिता भाई ने छुप छुप कर आंसू बहायें है। मां बहने आंखो में आंसू लिए विदाई की दस्तूर निभाई है।। कितनी निष्ठुरता से पिता ने कन्यादान निभाया है। मुझको किसी के हाथ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्ति पाया है।। आखिरी वचन कहकर मां ने बड़ी बात सिखाई है। पिता के पगड़ी की लाज तू रखना इसमें ही कुल की भलाई है।। विधाता ने बेटी विदाई की कैसी विधि बनाई है। बचपन से ही क्युं बेटियां पराई धन कहलाई है।। ©Supriya Jha बेटी की विदाई
बेटी की विदाई
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