Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अवशिष्ट पर्वत म्हणजे काय Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अवशिष्ट पर्वत म्हणजे काय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अवशिष्ट पर्वत म्हणजे काय.

Stories related to अवशिष्ट पर्वत म्हणजे काय

royal_shetkari

#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽

read more
Unsplash बाप माझा शेतकरी  जगाचा कैवारी  ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी  सांगा तुम्ही कसा आहे  दिनदूबळा शेतकरी 🌽

©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी  जगाचा कैवारी  ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी  सांगा तुम्ही कसा आहे  दिनदूबळा शेतकरी 🌽

Eshwari

# अतिरेक म्हणजे विष

read more
अतीव सज्जनपणाची भीती वाटते.
अतीव गोड बोलणारे फसवे निघू शकतात... 
रबडीमध्ये गुलाबजाम टाकून खाणाऱ्यापासून 
सावध असायला हवं....

                       ईश्वरी

©Eshwari # अतिरेक म्हणजे विष

Sanatan_Sanskriti_Shubhash

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् | चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ‖1 ‖ अर्थ – हे चन्द्रशेखर (भगवान जिनका मुकुट चंद्रमा ह

read more

Devanand Jadhav

#ganesha #ganpati Hinduism भक्ति सागर ॐ गजाननाय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो धन्ति प्रचोदयात्॥ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

read more

HARSHIT369

#पर्वत बनो मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स

read more
White आसमान कि सतह को छुने की कोसिस
सिर्फ पर्वत हि कर सकते है
क्युंकी इनमे वो जुनून वो उत्साह
और वो काबिलियत होती है जो किसी और मे नही..!
अत: पर्वत बनो..पर अहंकारनही पालना
वरना कोई दसरथ मांझी की तरह बीच से 
चीर डालेगा..!!

©HARSHIT369 #पर्वत बनो मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स

gudiya

#NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार

read more
पृथ्वी 
पृथ्वी तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो 

अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही 
एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार 

क्या तुम्हें चक्कर नहीं आते 
अपने आधे हिस्से में अंधेरा 
और आधे में उजाला लिए 
रात को दिन और दिन को रात करते 
कभी-कभी कांपती हो 
तो लगता है नष्ट कर दोगी अपना सारा घर बार 
अपनी गृहस्थी के पेड़ पर्वत शहर नदी गांव टीले
सभी कुछ को नष्ट कर दोगी 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 
तुम्हारी सतह पर कितना जल है
तुम्हारी सतह के नीचे भी जल ही है
लेकिन तुम्हारे गर्भ में
गर्भ के केंद्र में तो अग्नि है 
सिर्फ अग्नि 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 

कितने ताप कितने दबाव और कितनी आद्रता
अपने कोयलों को हीरो में बदल देती हो 
किन प्रक्रियाओं से गुजर कर 
कितने चुपचाप 
रतन से ज्यादा रतन के रहस्य से 
भरा है तुम्हारा ह्रदय 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 

तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो

-नरेश सक्सेना

©gudiya #NatureLove 
पृथ्वी 
पृथ्वी तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो 

अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही 
एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार

Rakesh frnds4ever

#आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile