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royal_shetkari
Unsplash बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽 ©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
read moreEshwari
अतीव सज्जनपणाची भीती वाटते. अतीव गोड बोलणारे फसवे निघू शकतात... रबडीमध्ये गुलाबजाम टाकून खाणाऱ्यापासून सावध असायला हवं.... ईश्वरी ©Eshwari # अतिरेक म्हणजे विष
# अतिरेक म्हणजे विष
read moreSanatan_Sanskriti_Shubhash
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् | चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ‖1 ‖ अर्थ – हे चन्द्रशेखर (भगवान जिनका मुकुट चंद्रमा ह
read moreDevanand Jadhav
HARSHIT369
White आसमान कि सतह को छुने की कोसिस सिर्फ पर्वत हि कर सकते है क्युंकी इनमे वो जुनून वो उत्साह और वो काबिलियत होती है जो किसी और मे नही..! अत: पर्वत बनो..पर अहंकारनही पालना वरना कोई दसरथ मांझी की तरह बीच से चीर डालेगा..!! ©HARSHIT369 #पर्वत बनो मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
#पर्वत बनो मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
read moregudiya
पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार क्या तुम्हें चक्कर नहीं आते अपने आधे हिस्से में अंधेरा और आधे में उजाला लिए रात को दिन और दिन को रात करते कभी-कभी कांपती हो तो लगता है नष्ट कर दोगी अपना सारा घर बार अपनी गृहस्थी के पेड़ पर्वत शहर नदी गांव टीले सभी कुछ को नष्ट कर दोगी पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो तुम्हारी सतह पर कितना जल है तुम्हारी सतह के नीचे भी जल ही है लेकिन तुम्हारे गर्भ में गर्भ के केंद्र में तो अग्नि है सिर्फ अग्नि पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो कितने ताप कितने दबाव और कितनी आद्रता अपने कोयलों को हीरो में बदल देती हो किन प्रक्रियाओं से गुजर कर कितने चुपचाप रतन से ज्यादा रतन के रहस्य से भरा है तुम्हारा ह्रदय पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो -नरेश सक्सेना ©gudiya #NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार
#NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार
read moreRakesh frnds4ever
White आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी गुलजार हो मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़ झरने कुदरत की बेपनाह मोहब्बत को ताजगी ,सादगी, खूबसूरती से बड़े चाव से, प्यार से ,अपनेपन से प्रदर्शित कर रहे हो आ चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चले यहीं यहां कुदरत हो ,,,,,,,,,,हम तुम हो मौसमें बहार हो दिल का करार हो प्रकृति ओर प्रकृति की रचनाओं से घिरा हमारा छोटा सा संसार हो जो इस दुनिया/इस जहान,,,,,,,,, से पार हो ,,... ©Rakesh frnds4ever #आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़