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N S Yadav GoldMine
White अस प्रभु हृदयँ अछत अबिकारी। सकल जीव जग दीन दुखारी॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} नाम निरूपन नाम जतन तें। सोउ प्रगटत जिमि मोल रतन तें॥(४) भावार्थ:- समस्त विकारों से मुक्त भगवान सभी के हृदय में रहते हैं फिर भी संसार के सभी जीव दीनहीन और दुःखी हैं। नाम के यथार्थ स्वरूप, महिमा, रहस्य और प्रभाव को जानकर श्रद्धा-पूर्वक नाम जपने से ब्रह्म उसी प्रकार प्रकट हो जाता है, जिस प्रकार रत्न की जानकारी होने से उसका मूल्य प्रकट हो जाता है। जय श्रीसीताराम जी!! जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #Thinking अस प्रभु हृदयँ अछत अबिकारी। सकल जीव जग दीन दुखारी॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} नाम निरूपन नाम जतन तें। सोउ प्रगटत जिमि मोल रतन तें॥(
#Thinking अस प्रभु हृदयँ अछत अबिकारी। सकल जीव जग दीन दुखारी॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} नाम निरूपन नाम जतन तें। सोउ प्रगटत जिमि मोल रतन तें॥(
read moreIndian Kanoon In Hindi
पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक :- * सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति को बूढ़े मां-बाप से अलग रहने को मजबूर करती है तो उसे उसका पति तलाक दे सकता है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिन्दू लॉ के मुताबिक कोई भी महिला किसी भी बेटे को उसके मां-बाप के प्रति पवित्र दायित्वों के निर्वहन से मना नहीं कर सकती है। जस्टिस अनिल आर दवे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने कहा कि एक महिला शादी के बाद पति के परिवार की सदस्य बन जाती है। वह इस आधार पर उस परिवार से अपने पति को अलग नहीं कर सकती है कि वो अपने पति की आय का पूरा उपभोग नहीं कर पा रही है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि माता-पिता से अलग रहने की पश्चिमी सोच हमारी सभ्यता-संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है। कोर्ट ने कर्नाटक की एक दंपत्ति के तलाक की अर्जी को मंजूरी देते हुए ये टिप्पणी की है। * सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट में लिखा है, “भारत में हिन्दू परिवारों में न तो यह सामान्य बात है और न ही प्रचलन में है कि कोई भी बेटा अपनी पत्नी के कहने पर शादी के बाद बूढ़े मां-बाप को छोड़ दे। खासकर तब, जब बेटा ही परिवार में एकमात्र कमाऊ सदस्य हो। एक बेटे को उसके मां-बाप ने न केवल जन्म दिया बल्कि पाल-पोसकर उसे बड़ा किया, पढ़ाया, लिखाया। अब उसकी नौतिक और कानूनी जिम्मेवारी बनती है कि वह बूढ़े मां-बाप की देखभाल करे। खासकर तब जब उनकी आय या तो बंद हो गई है या कम हो गई है।” * कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिन्दू लॉ के मुताबिक कोई भी महिला किसी भी बेटे को उसके मां-बाप के प्रति पवित्र दायित्वों के निर्वहन से मना नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई पत्नी, पति को उसके परिवार से अलग रहने पर मज़बूर करती है तो ये तलाक पाने का एक आधार हो सकता है. इस फैसले के अनुसार जीवनसाथी का खुदकुशी करने की धमकी देना और एक-दूसरे पर झूठे आरोप लगाना भी तलाक के लिए आधार बन सकता है. ©Indian Kanoon In Hindi पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक
पत्नी सास-ससुर से अलग रहने की जिद करे तो पति दे सकता है तलाक
read moreSr Amar Babu
green-leaves यूं ही नहीं आप के लिए तड़पते हैं_आप ही है जो हर सांस के साथ मेरे दिल में धड़कते ©Sr Amar Babu #GreenLeaves यूं ही नहीं आपके लिए तड़पते हैं जो हर सास के साथ मेरे दिल धड़कते हैं शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी
#GreenLeaves यूं ही नहीं आपके लिए तड़पते हैं जो हर सास के साथ मेरे दिल धड़कते हैं शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी
read moreSk Ripon Hindi
सास और बाहु की कहानी || Part 1 #nojohindi #motivate #motivatation wbest motivational thoughts wmotivational thoughts in hindi motiva
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