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Stories related to रामायण सिंधु सर

बेजुबान शायर shivkumar

छोटे छोटे पैर तो कभी चलना सीख ही जाते हैं मंजिल दूर है पर वो धीरे धीरे बढ़ जाते हैं हम अपने ही दम से " खुद को निखार लेना " जानते है तप कर आग

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Unsplash 
// खुद को निखार लेना //


छोटे छोटे पैर तो कभी चलना सीख ही जाते हैं
मंजिल दूर है पर वो धीरे धीरे बढ़ जाते हैं
हम अपने ही दम से " खुद को निखार लेना " जानते है
तप कर आग में हम सोना बन ही कर आते हैं

मजबूरी जब ,अपने सर पे जिम्मेदारी आई तो समझ आ आती है
इस जिंदगी की दौड़ भी यु बढ़ती ही जाती है
वो अनाड़ी भी एक खिलाड़ी बन जाते हैं
जब गिर-गिर कर और ठोकर पर ठोकर यु खाते हैं

बारिश में भीग कर कड़ी धूप में यु जल कर भी वो बढ़ जाते हैं
न भाग कर ,अपने मुश्किलों से लड़ कर वो जीत कर दिखाते हैं
वो भी अपने वक्त के साथ साथ चलना भी सीख आता है
उसे अपने मेहनत का फल लेना भी आता है

अपने इन हाथों की लकीरों को भी बदल देते हैं
मेहनत करने वाले तूफान का रुख भी यु मोड़ देते हैं
ये दुनिया रोकती ही रहेगी मगर तुम चलते ही रहना 
न सुनना किसी की बात को तुम अपनी मंजिल को ही देखना

कर हौसला बुलंद तू , तुमने तो इतिहास रचा कदम बड़ा
हंसने वालो को एक दिन चुप करा देना , तुम इतिहास बना देना

©बेजुबान शायर shivkumar छोटे छोटे पैर तो कभी चलना सीख ही जाते हैं
मंजिल दूर है पर वो धीरे धीरे बढ़ जाते हैं
हम अपने ही दम से " खुद को निखार लेना " जानते है
तप कर आग

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख

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चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले,
मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले।

ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा,
जो मुझे खा नहीं पाया, वो सबक बन बैठा।

तूफ़ानों से लड़ने का हुनर सिखा दिया,
नाव डूब भी गई तो समंदर बना दिया।

राह मुश्किल थी, मगर इरादा बुलंद था,
ख़ुद को हारा नहीं समझा, यही फ़र्ज़ था।

जंग जीतेंगे वही, जो लड़ने का हौसला रखें,
हार भी सर पे सजे, वो विजेता बनें।

मौत भी कहती रही, मुझसे किनारा कर ले,
मैंने हंसकर कहा, जीने का सहारा कर ले।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले,
मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले।

ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा,
जो मुझे ख

दोस्ती की दुनिया का king

भगवान श्रीराम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें: 1. अवतार: भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है। उन्होंने अधर्म का नाश करने

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Ashraf Fani

जीना है तो सर उठा के जियो हालात से नज़रें मिला के जियो #ashraffani #life_quotes शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी

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White जीना  है तो  सर उठा के जियो
हालात से नज़रें मिला के जियो

©Ashraf Fani जीना  है तो  सर उठा के जियो
हालात से नज़रें मिला के जियो
#ashraffani 
#life_quotes  शायरी हिंदी शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी

Ravi_bhagat11

खान सर

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IG @kavi_neetesh

Extraterrestrial life Entrance examination Kalki Hinduism Aaj Ka Panchang ॐ---( स्तुति भगवान शिव की )----ॐ 🎉 हर हर भोले , भोले नाथ ,

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

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White संयोग की साजिश नहीं, 
ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ, मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, 
उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर,
सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर, 
चाहे हो आकाश या धरती का दूर।
जो गलती हुईं, 
वो अक्स थी मेरी ही रचना की,
पर जो कुछ मिला अच्छा, 
वो है सिर्फ छाया किस्मत की।।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर
संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

sila kumari

#Video | #Neelkamal Singh & #shilpi Raj | ओढ़नी सर सर सरके | Odhani Sar Sar Sarke | T-Series wbhojpuri video

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gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

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Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
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आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

बेजुबान शायर shivkumar

👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से

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// छठ पर्व //


कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से चलती आई,
सीता मैया, कर्ण और पांडव, साथ में कुंती माई.

भक्ति भाव उमड़ पड़ता है, करते सब गुणगान,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

प्यारी बहना दिनकर की हैं, षष्ठी तिथि है प्यारी,
कृपा सिंधु हैं आप हे मैया, जग देता बलिहारी.

डाला सूप सजाये कहते, आ जाओ दिनमान,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

आम की लकड़ी, नारियल, संतरा, मूली, ठेकुआ, केला,
घाट सजे हैं सुंदर -सुंदर, कितना मोहक बेला.

अमरुद, पान, सुपारी, गन्ना, विविध बने पकवान,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

जल में व्रती हाथ हैं जोड़े, सुख-समृद्धि मांगे,
अंतस का तम दूर करो माँ, और न हम कुछ चाहें.

कोढ़िया, दुखिया, बाँझ, गरीबी, सबका करते त्राण,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

©बेजुबान शायर shivkumar 👏जय छठी माँ 👏

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान,
सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान.

चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
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