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आधुनिक कवयित्री
क्या लिखूं पापा पर, हर घर में उजाला हैं पापा। हर रिश्ते को बांधकर रखते, ऐसे मोतियों की माला है पापा। करते हैं सबकी हर ख्वाइशे पूरी, ख़ुद की मनत्ते चाहे रह जाए अधूरी। सारी जिमेदारियो का बोझ उठाते हैं, अपना दर्द न किसी को बताते हैं। सहनशील ओर धेर्यवान हैं पापा, मेरे हर अरमान हैं पापा। पापा हैं तो बचपना है, बिन पापा के न कोई अपना हैं। पापा हर सघर्षो से लड़ना सिखाते, सही ओर गलत में भेद बताते। जन्म जरूर देती हैं मां, पर चलना पापा ने सिखाया। खवाइशे पूरी करने के लिए, ख़ुद को झोंक देते हैं, अपने घर की राजकुमारी पराए घर को सौंप देते है। ये तो सिर्फ़ पापा का ही जिगर हैं, पापा के रहते हम निडर है। मेरे हर ख़्वाब है पापा, मेरी जिंदगी की किताब है पापा। ©आधुनिक कवयित्री मेरे पापा Ashutosh Mishra Rakesh Srivastava V.k.Viraz
मेरे पापा Ashutosh Mishra Rakesh Srivastava V.k.Viraz
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
read moreMaMtAa
परख लिया मैंने सबको... माँ-पापा के सिवा कोई अपना नहीं होता ©MaMtAa heart touching life quotes in hindi माँ-पापा के लिए जितना भी लिखूँ कम ही होगा 🙏
wheart touching life quotes in hindi माँ-पापा के लिए जितना भी लिखूँ कम ही होगा 🙏
read moreShashi Bhushan Mishra
आस्तीन के साँप बहुत थे फुर्सत में जब छाँट के देखा, झूठ के पैरोकार बहुत थे आसपास जब झाँक के देखा, बाँट रही खैरात सियासत मेहनतकश की झोली खाली, नफ़रत की दीवार खड़ी थी अल्फ़ाज़ों को हाँक के देखा, जादू-टोना, ओझा मंतर, पूजा-पाठ सभी कर डाले, मिलती नहीं सफलता यूँही धूल सड़क की फाँक के देखा, धरती से आकाश तलक की यात्रा सरल कहाँ होती है, बड़ी-बड़ी मीनारों से भी करके सीना चाक के देखा, कदम-कदम चलता है राही दिल में रख हौसला मिलन का, मंज़िल धुँधला दिखा हमेशा सीध में जब भी नाक के देखा, चलना बहुत ज़रूरी 'गुंजन' इतनी बात समझ में आई, हार-जीत के पैमाने पर ख़ुद को जब भी आँक के देखा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra #आस्तीन के सांप बहुत थे#
#आस्तीन के सांप बहुत थे#
read moreKuldeep KumarAUE
White जब हम मिले जब तुम मिले तब हम दोनों एक हुए हैं ©Kuldeep KumarAUE #love_shayari जब हम मिले जब तुम मिले तब हम दोनों एक हुए हैं #kuldeepkumaraue
#love_shayari जब हम मिले जब तुम मिले तब हम दोनों एक हुए हैं #kuldeepkumaraue
read moreJoel
जो थे सो थे.... जो थे सो थे.....लेकिन अब जो है..... वही बन कर रहेगे...💋👊 #brokenheart #lover Shayari
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